आपको टिफिन का पैसा चाहिए तो मैं दूंगी…ममता बनर्जी ने राज्यपाल से क्यों कही ये बात?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस आमने-सामने हैं. चार नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ ग्रहण प्रक्रिया को लेकर दोनों में तलवारें खिंची हैं. सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने चार नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ ग्रहण प्रक्रिया में अनावश्यक बाधाएं पैदा की. टीएमसी के चार विधायक सुप्ति पांडे, मधुपर्णा ठाकुर, मुकुटमणि अधिकारी और कृष्णा कल्याणी ने मंगलवार को शपथ ली.
ममता ने कहा, उन्हें (राज्यपाल को) पता होना चाहिए कि राजभवन का चयन होता है और विधानसभा चुनी जाती है. वह केवल उन लोगों पर जुर्माना लगा सकते हैं जो निर्वाचित हुए हैं. आपको संविधान का पालन करना चाहिए और किसी विशेष राजनीतिक दल के प्रति पक्षपाती नहीं होना चाहिए. उन्होंने सवाल किया, राज्यपाल चारों विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा में क्यों नहीं आए?
ममता ने और क्या कहा?
राज्यपाल पर ममता का निशाना यहीं नहीं रुका. उन्होंने आगे कहा, राज्यपाल को कानून के मुताबिक काम करना चाहिए. राज्यपाल द्वारा दो नवनिर्वाचित विधायक सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार पर प्रतिदिन 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसका जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, आप 500 रुपये का क्या करेंगे? क्या आपको टिफ़िन के पैसे चाहिए? मुझसे मांगिये और मैं इसकी व्यवस्था करूंगा. जनादेश से चुनकर आए विधायकों की सराहना करने के बजाय आप जुर्माना लगा रहे हैं. यह क्रूरता है, दो नवनिर्वाचित विधायकों के सपनों को कुचलने का प्रयास है.
सोमवार को राज्यपाल ने दोनों विधायकों को सूचित किया कि 5 जुलाई को उनका शपथ ग्रहण संवैधानिक अनौचित्य का उदाहरण था और इसलिए यदि वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेते हैं या सदन में मतदान करते हैं तो उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का जुर्माना देना होगा. पत्र में राज्यपाल ने तर्क दिया कि उन्होंने उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी को शपथ दिलाने का काम सौंपा था, न कि स्पीकर को.
इसपर सीएम ममता बनर्जी ने कहा, लेकिन उपसभापति ने असमर्थता जताई और अध्यक्ष से शपथ दिलाने को कहा. इसमें गलती कहां है? उप सभापति सभापति की मौजूदगी में शपथ नहीं दिलाना चाहते थे. इसे सत्र में रिकॉर्ड किया गया है. सीएम ने कहा कि मैं स्पीकर का पूरा समर्थन करती हूं. स्पीकर ने जो किया वह सही है. लोकतंत्र में एक परंपरा है. परंपरा यह है कि नवनिर्वाचित विधायक विधानसभा में शपथ लेते हैं. ममता बनर्जी ने कहा, स्पीकर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 5 का पालन किया. इसमें कुछ भी असंवैधानिक नहीं है.
क्यों लगाया गया जुर्माना?
सरकार ने कहा कि ई-मेल में दोनों विधायकों को सूचित किया गया है कि उन पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि आरोप है कि उनके शपथ ग्रहण और विधानसभा सत्र के पहले दिन उपस्थित होने से संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन हुआ है. सायंतिका बनर्जी ने कहा, हमने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें ईमेल दिखाया. उन्होंने कहा कि विधानसभाध्यक्ष का कार्यालय इस मुद्दे पर विचार कर रहा है. हम समझते हैं कि लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाले विधानमंडल में शपथ लेने के बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में सत्र में भाग लेने में हमें कोई समस्या नहीं है.

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