कैंसर की जो तीन दवाएं सस्ती होंगी क्या वो सरकारी अस्पतालों में भी मिलती हैं? डॉक्टरों से जानें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कैंसर की तीन दवाओं पर से कस्टम ड्यूटी में छूट की घोषणा कि थी. WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर छठी मौत कैंसर के कारण होती है. ऐसे आंकड़ों के मद्देनजर इस तरह की घोषणा अच्छी है, लेकिन टीवी9 भारतवर्ष से सरकारी अस्पातल के डॉक्टर ने कहा कि ज्यादा जरूरी यह चीज है कि ऐसी दवा सरकारी अस्पतालों को मुहैया कराया जाए, जिससे के एक बड़ा डेटाबेस तैयार हो और फिर उस आधार पर कैंसर की दवाएं यहां भी बनाई जा सके.
दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ऑंकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ प्रज्ञा शुक्ला ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में बताया कि सरकार की ओर से सीमा शुल्क में छूट एक स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन अधिक जरूरी इस बात की है कि ऐसी दवाएं सरकारी अस्पताल में अधिक से अधिक पहुंचे. जिससे कि एक बड़ा डेटाबेस तैयार किया जा सके.
क्यों हैं इन दवाओं की जरूरत
डॉ प्रज्ञा शुक्ला ने बताया कि साल 2020 में लगभग 10 मिलियन लोगों की मौत का कारण कैंसर बना. दुनियाभर में मरीजों पर इसके इलाज का भारी बोझ है. इस बीमारी से निपटने के लिए दवाओं की कमी है. यदि कोई दवा है भी तो वह इतनी महंगी है कि आम लोगों के बजट से बाहर है. ऐसे में इस बात की जरूरत है कि इन दवाओं के लिए बड़ी सरकारी सहायता मिले, जिससे कि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें.
कौन सी दवा है मिली है छूट
डॉ प्रज्ञा ने कहा कि सीमा शुल्क से कैंसर की जिन तीन दवाओं को मुक्त किया गया उनमें Trastuzumab Deruxtecan, Osimertinib और Durvalumab का नाम शामिल है. Trastuzumab Deruxtecan एक एंटीबॉडी-ड्रग कंजुगेट है जिसका उपयोग मुख्य रूप से HER2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है. इसी तरह Osimertinib का उपयोग फेफड़ों के कैंसर (NSCLC) के इलाज के लिए किया जाता है.
Durvalumab की बात करें यह एक इम्यूनोथेरेपी दवा है. ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन को एनहर्तु नाम से रजिस्टर किया गया है और अब ये दवा इसी नाम से प्रसिद्धि पा रही है. 100mg के डोज में उपलब्ध ये दवा कॉमर्शियल पैक में भी उपलब्ध है. भारत में डॉक्टरों को इलाज के लिए इस दवा को अमेरिका से मंगाना पड़ता है. इसका खर्चा 3 लाख रुपये के आसपास पड़ता है. ओसिमर्टिनिब के 10 टेबलेट वाले 1 पत्ते की कीमत डेढ़ लाख रुपये के आसपास पड़ती है. ऑनलाइन दवा विक्रेताओं के मुताबिक ड्यूरवालुमैब के दो डोज की कीमत 1.5 लाख के करीब पड़ती है.