अब भविष्य के लिए BJP बनाएगी रोडमैप, संगठन मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक के साथ होगा मंथन
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से बीजेपी में लगातार बैठकों का दौर जारी है. देश के अलग-अलग राज्यों में कार्यसमिति की बैठकों के बाद बीजेपी अब दिल्ली में मंथन का सिलसिला शुरू हो गया है, जिसमें पार्टी नए सिरे से खुद की पैठ जमाने और भविष्य की दशा-दिशा के लिए रणनीति बनाने का प्लान है. इस कड़ी में बीजेपी पहले सभी राज्य के संगठन मंत्रियों के साथ मंथन करेगी और उसके बाद बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी. इसके बाद बीजेपी और आरएसएस के बीच समन्वय बैठक केरल में होनी. इस तरह से बीजेपी एक हफ्ते तक तबड़तोड़ बैठकें करके दोबारा से उभरने का रोडमैप तैयार करेगी.
लोकसभा चुनाव में मिले सियासी झटके बाद बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में किसी भी तरह से कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है. बीजेपी ने गुरुवार से अपने संगठन मंत्रियों की बड़ी बैठक कर रही है, जो शुक्रवार तक चलेगी. बीजेपी मुख्यालय में संगठन मंत्रियों की हो रही दो दिवसीय बैठक में लोकसभा चुनाव नतीजों की समीक्षा की जानी है. इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा और आगे की रणनीति भी तैयार की जाएगी.
संगठन मंत्रियों के बैठक के बाद बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होनी है, जो शनिवार और रविवार को होगी. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने अपने मुख्यमंत्रियों की बैठक ऐसे समय रखी है, जब सभी सीएम नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए 27 जुलाई को दिल्ली आ रहे हैं. नीति आयोग की बैठक में शिरकत करने के साथ-साथ बीजेपी कार्यलय में होने वाली पार्टी की बैठक में भी शामिल होंगे.
बीजेपी नेतृत्व अपने मुख्यमंत्रियों के साथ उनके-उनके राज्यों की चुनाव नतीजों पर मंथन करेंगी और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेगी. इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों को भी दिल्ली बुलाया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने राज्य की चुनावी रिपोर्ट रखेंगे. इस तरह से पार्टी नेतृत्व संगठन और सरकार दोनों एक साथ बैठाकर चुनाव नतीजों पर विचार-विमर्श करेगी और उसके बाद आगे की दशा और दिशा के लिए रोडमैप तैयार होगा.
संघ-बीजेपी के बीच समन्वय बैठक
लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार बीजेपी और आरएसएस केरल में एक साथ बैठेंगे. आरएसएस और बीजेपी के बीच समन्वय बैठक केरल में 31 जुलाई से तीन अगस्त तक होगी. माना जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं. बीजेपी और संघ के बीच समन्वय मीटिंग हर 6 महीने के अंतरातल पर होती है, लेकिन इस बार की बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इस बैठक में भावी रणनीति और पार्टी नए अध्यक्ष पद पर चर्चा होने की संभावना है. इसके अलावा बीजेपी में जिस तरह से यूपी और पश्चिम बंगाल में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, उस पर भी बात हो सकती है.
एक अगस्त से सदस्यता अभियान
बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पर चर्चा की चर्चा इन बैठकों में होनी है. बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए जरूरी सदस्यता अभियान के साथ मतदाताओं तक सीधी पहुंच की नई रणनीति बैठक में तैयार करेगी. एक अगस्त से बीजेपी अपने सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी, जिसके लिए ही सभी संगठन मंत्रियों, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक का सिलसिला शुरू कर रही है.
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब नए सिरे से भविष्य की रणनीति का तानाबाना बुनेगी. इसके तहत पार्टी की पहली कोशिश राज्यों में मतदाताओं के बीच नए सिरे से पैठ बनाने और विपक्ष की ओर से संविधान-आरक्षण खत्म करने वाले नैरेटिव की तोड़ निकालने पर मंथन किया जाएगा. इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए पार्टी ने पहले सभी राज्यों के नेताओं के साथ बैठक कर लेना चाहती है, लेकिन उससे पहले बुधवार को पीएम मोदी की अगुवाई में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के बीच करीब दो घंटे की मैराथन बैठक हुई.
राज्यों के विधानसभा चुनाव का प्लान
साल के आखिर में हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी नेतृत्व ने इन चारों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में मैदान में उतरने का फैसला किया है. हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी सत्ता में है और अब उसकी कोशिश हरहाल में अपनी दबदबे को बनाए रखने की है जब झारखंड में अपनी वापसी के जतन में जुटी है. इस कड़ी में अमित शाह झारखंड से लेकर महाराष्ट्र और हरियाणा का दौरा करने के बाद अब उन राज्यों के नेताओं के साथ दिल्ली में लगातार बैठकें कर रहे हैं. सीट शेयरिंग का फॉर्मूला से लेकर सीएम चेहरे का प्लान बन रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी अपने संगठन मंत्रियों के साथ इस दिशा में भी मंथन करेंगी.