Explainer : अब Home Loan टॉप-अप कराना होगा मुश्किल, ये है RBI का अपडेट

क्या आपने होम लोन ले रखा है? क्या आपको RBI की तरफ से रेपो रेट कम किए जाने की उम्मीद थी ताकि आपकी EMI सस्ती हो सके? क्या आप आने वाले समय में होम लोन को टॉप-अप कराने का सोच रहे हैं? तब आपको भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की ये बात जान लेनी चाहिए, क्योंकि होम लोन टॉप-अप कराने में आपको आने वाले दिनों मुश्किल हो सकती है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अगस्त की द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश की. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को लगातार 9वीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है. इस तरह जिन लोगों को होम लोन की ईएमआई कम होने की उम्मीद थी, उन्हें फिलहाल झटका लगा है. इसी दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोगों के होम लोन टॉप-अप कराने के ट्रेंड पर चिंता भी जताई है.
Home Loan Top-Up पर क्या बोला RBI?
आरबीआई का कहना है कि लोगों के होम लोन को टॉप-अप कराने के रवैये में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ये चिंता का विषय है, वह भी ऐसे समय में जब लोगों का स्टॉक मार्केट में निवेश बढ़ रहा है. इसलिए बैंकों और लोन देने वालों को इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने बैंकों से होम लोन टॉप-अप के इस्तेमाल को लेकर भी जांच-पड़ताल करने के लिए कहा है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि होम लोन टॉप-अप तेज गति से बढ़ रहा है. बैंक और एनबीएफसी भी गोल्ड लोन की तरह ही इसे तेजी से लोगों को उपलब्ध करा रही हैं. लेकिन ये देखा गया है कि प्रॉपर्टी की वैल्यू के अनुपात में लोन की रकम को लेकर रेग्युलेटरी नियमों, इससे जुड़े जोखिम और फंड के सही इस्तेमाल की जांच-परख से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो होम लोन टॉप-अप फैसिलिटी का इस्तेमाल बार-बार कर रहे हैं. ये लोन के पैसे के अनप्रोडक्टिव इस्तेमाल की आशंका को बढ़ाता है. ऐसे में बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को ऐसे मामलों की समीक्षा करके उचित कार्रवाई करने की जरूरत है.
क्या होता है Home Loan Top-Up?
आमतौर पर कोई व्यक्ति जब होम लोन लेता है, तब वह प्रॉपर्टी की वैल्यू के अनुपात में जो मैक्सिमम लोन मिलता है, उसे ले लेता है. इसके बाद जब कुछ समय बाद उसकी प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ जाती है और होम लोन का कुछ हिस्सा व्यक्ति भर चुका होता है, तब वह बैंक के पास जाकर लोन को टॉप-अप करा लेता है.
इसे आप कार के उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आपने अपनी कार की सर्विसिंग के टाइम पर उसका कूलेंट बदलवाया. कुछ समय बाद आप फिर अपनी कार को सर्विस पर लेकर गए. इस बार आपका कूलेंट खराब नहीं हुआ, लेकिन थोड़ा कम हो गया. ऐसे में आपने उसे बदलवाने की बजाय टॉप-अप करा लिया. इससे आपकी कम लागत में कूलेंट की क्षमता फिर से बढ़ गई.
ठीक इसी तरह होम लोन टॉप-अप कराने के बाद लोगों की ईएमआई पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. उल्टा सस्ते ब्याज पर मिले इस पैसे से उनकी लिक्विडिटी बढ़ जाती है. नियम के हिसाब से तो होम लोन टॉप-अप की रकम का इस्तेमाल प्रॉपर्टी के मेंटिनेंस या उसमें किसी बदलाव के लिए होना चाहिए. लेकिन आज के समय में इसके अन्य इस्तेमाल की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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