ममता रामकृष्ण, अभिषेक स्वामी विवेकानंद… महापुरुषों से TMC नेता ने की तुलना, मचा बवाल
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमोममता बनर्जी की तुलना रामकृष्ण परमहंस से की है. कुणाल घोष यहीं नहीं रुके. उन्होंने स्वामी विवेकानन्द की तुलना अभिषेक बनर्जी से की. उनके अनुसार, ममता-अभिषेक गुरु-शिष्य की तरह हैं. इससे पहले तृणमूल विधायक निर्मल मांझी ममता बनर्जी की तुलना मां सारदा से कर विवादों में आ गए थे. बता दें कि इसके पहले पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना चैतन्य देव से की थी. शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा था कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी चैतन्य देव की उत्तराधिकारी हैं.
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पूर्व सांसद कुणाल घोष ममता बनर्जी की तुलना रामकृष्ण परमहंस से और अभिषेक बनर्जी की तुलना स्वामी विवेकानंद से करने के बाद बवाल मच गया है. तृणमूल कांग्रेस के नेता की टिप्पणी पर बंगाल बीजेपी ने तंज कसा है और टीएमसी नेता की आलोचना की है.
पिछले कुछ दिनों से टीएमसी में यह चर्चा जोरों पर हैं कि अभिषेक बनर्जी को अपमानित किया गया है. वह पार्टी के एक हिस्से के काम से असंतुष्ट हैं. वह अपने संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर के बाहर काम नहीं कर रहे हैं. हालांकि, कोई भी इस मामले पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं करना चाहता है.
ममता रामकृष्ण और अभिषेक स्वामी विवेकानंद
रविवार को कुणाल घोष ने कहा, ”ममता बनर्जी श्री रामकृष्ण हैं, अभिषेक बनर्जी स्वामी विवेकानंद हैं.” श्री रामकृष्ण के कई शिष्य थे. लोग भी विवेकानन्द के मुख से उनकी बातें सुनना चाहते थे. उसी तरह लोग अभिषेक बनर्जी के जरिए ममता बनर्जी की विचारधारा को देखना चाहते हैं. लोग अभिषेक के माध्यम से ममता बनर्जी के विकास, उनके त्याग, उनके आंदोलन को देखना चाहते हैं.
राजनीतिक हलकों के एक वर्ग के अनुसार, जब जूनियर-सीनियर टकराव की अटकलें चल रही थीं, तब कुणाल घोष ने कुछ संतुलन बनाए रखने की कोशिश की. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कुणाल घोष ने कहा था कि ममता बनर्जी 2036 तक मुख्यमंत्री रहेंगी और उसके बाद अभिषेक मुख्यमंत्री होंगे.
टीएमसी नेता के बयान पर बवाल
कुणाल घोष की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए बीजेपी नेता सजल घोष ने कहा, “कोई भी ऐसी बातें तब तक नहीं कह सकता, जब तक उसे मानसिक परेशानी न हो.” उन्होंने कहा कि कोई भी स्वस्थ मस्तिष्क के व्यक्ति इस तरह से महापुरुषों के साथ किसी की तुलना नहीं कर सकता है.
बता दें कि इसके पहले टीएमसी विधायक निर्मल मांझी ने ममता बनर्जी की तुलना मां सारदा से की थी. उस समय रामकृष्ण मिशन ने आपत्ति जताई थी. उसके बाद निर्मल मांझी को अपने बयान के लेकर सफाई देनी पड़ी थी.