पुरुष, महिला या ट्रांसजेंडर, किसमें ज्यादा होती है ताकत, ओलंपिक से उठे सवाल
पेरिस ओलंपिक में एक बॉक्सिंग मुकाबले के बाद विवाद बढ़ गया है. वेल्टरवेट कैटेगिरी के प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में इटैलियन खिलाड़ी एंजेला कैरिनी का मुकाबला एक दूसरे मुक्केबाज से था. इस मुक्केबाज के एक पंच से ही इटैलियन खिलाड़ी चित हो गई और केवल 46 सेकेंड में ही मैच खत्म हो गया. इटैलियन खिलाड़ी ने इसके बाद मुकाबला नहीं लड़ा और रिंग से बाहर जाकर गेम को आगे न खेलने का फैसला किया. आरोप है कि इटैलियन मुक्केबाज का मुकाबला पुरुष मुक्केबाज इमान खलीफ से कराया गया था. कुछ रिपोर्ट्स में इमान खलीफ को ट्रांसजेंडर भी कहा गया है.हालांकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी ने अपने बयान में सभी आरोपों को गलता बताया और कहा कि ये दोनों ही एथलीट कई सालों से महिला वर्ग में इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट्स में खेल रही हैं.
ऐसे में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ पर लगे आरोप गलत है. हालांकि इस मामले में विवाद अभी भी जारी है. इस विवाद में दो खेमे बट गए हैं. इस बीच यह भी जानना जरूरी है कि किसी महिला, पुरुष और ट्रांसजेंडर की शारीरिक क्षमता में कितना अंतर होता है. क्या महिला की तुलना में ट्रांसजेंडर में ज्यादा ताकत होती है. क्या किसी महिला में पुरुष जैसी ताकत भी हो सकती है. इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
तीनों की क्षमता में होता है काफी फर्क
डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं कि महिला पुरुष और ट्रांसजेंडर तीनों के ही शरीर में अंतर होता है. कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें पुरुष सेक्स चेंज कराते हैं और महिला बनते हैं. लेकिन उनके शरीर में हार्मोन तो पुरुष जैसे ही होते हैं. ऐसे में उनमें सेक्स चेंज कराकर महिला बनने के बाद भी पुरुष जैसी शारीरिक क्षमता होती है. ट्रांसजेंडर महिलाओं में शारीरिक क्षमता महिलाओं की तुलना में अधिक होती है. पुरुषों में तो ट्रांसजेंडर और महिला की तुलना में शारीरिक क्षमता अधिक होती है. हालांकि यह बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि इनके शरीर में हार्मोन का लेवल कितना ज्यादा या कम है.
ट्रांसजेंडर भी दो प्रकार के होते हैं
कुछ ट्रांसजेंडर लोग खुद को महिला के रूप मानते हैं, जबकि कुछ पुरुष के रूप में पहचान सकते हैं. जो ट्रांस़जेंडर खुद को महिला के रूप में मानते हैं वह भले ही महिला जैसे लगें लेकिन उनमें पुरुष हार्मोन ज्यादा हो सकते हैं. कुछ ट्रांसजेंडर अपने शरीर को अपनी लिंग पहचान के अनुकूल बनाने के लिए सर्जरी करवाते हैं, जिसमें हार्मोन थेरेपी और सेक्स चेंज सर्जरी की जाती है. भले ही कुछ पुरुष किसी भी तरह की सर्जरी कराके महिला बन जाए, लेकिन सर्जरी कराके महिला बनने के बाद भी शारीरिक क्षमता सामान्य महिला की तुलना में ज्यादा हो सकती है
डिफरेंसेस ऑफ सेक्स डेवलेपमेंट डिसऑर्डर
डॉ किशोर बताते हैं कि कुछ मामलों में किसी महिला में डिफरेंसेस ऑफ सेक्स डेवलेपमेंट डिसऑर्डर होता है. इनमें भले ही वह जन्म से महिला ही हो और उसमें महिला की तरह सभी रिप्रोडक्टिव ऑर्गन हों, लेकिन फिर भी उसमें टेस्टोस्टेॉन का लेवल काफी हाई रहता है. इसको ही डिफरेंसेस ऑफ सेक्स डेवलेपमेंट डिसऑर्डर कहते हैं. ऐसे में भले ही शरीर स्त्री का लगे लेकिन पुरुष हार्मोन ज्यादा होने और एक्सवाई क्रोमोसोम होने की वजह से महिला में ताकत पुरुष जैसी ही होती है. ऐसे महिलाएं सामान्य महिला की तुलना में ज्यादा ताकतवर और अधिक शारीरिक क्षमता वाली होती हैं. अधिक मेल हार्मोन होने के कारण इनकी शारीरिक बनावट कुछ-कुछ पुरुष जैसी लगती भी है, लेकिन असल में यह महिला ही होती है. ऐसे कई मामले दुनियाभर में देखे भी जाते हैं.