Maldives-China के साथ हो गया बड़ा खेल, भारत खुश तो बहुत होगा
चीन और मालदीव को भारत से दुश्मनी महंगी पड़ गई है। चीन ने भारत के पड़ोसी मालदीव को भड़काने में पूरी ताकत लगा दी। लेकिन चीन अपने पड़ोस में बुरी तरह से हार गया है। चीन को ऐसा झटका लगा है कि जिससे वो अगले चार साल तक ऊबर नहीं पाएगा। चीन के सबसे बड़े दुश्मन देश ताइवान में कुछ ऐसा हुआ कि जिसने पूरे भारत को खुश कर दिया है। लगातार भारत से नजदीकी बढ़ा रहे ताइवान में चुनाव हुए। ताइवान के चुनाव में जिस व्यक्ति को हराने के लिए चीन ने पूरी ताकत लगा दी थी। वो व्यक्ति ताइवान का नया राष्ट्रपति बन गया है। ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता लाई चिन ते जिन्हें विलियम लाई के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है।
विलियम लाई का चुनाव जीतना भारत के लिए भी एक बड़ी जीत है। विलियम लाई चीन के कट्टर विरोधी और भारत के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले विलियम लाई उपराष्ट्रपति थे। तब उन्होंने भारत और ताइवान के बीच नजदीकियां बढ़ाने के लिए काफी कदम उठाए थे। ताइवान में हुई ये घटना भारत के लिए एक जबरदस्त मौका है। चीन खुशियां मना रहा था कि मालदीव में भारत विरोधी सरकार आ गई है। लेकिन उसके दुश्मन ताइवान में तो भारत समर्थक सरकार आकर बैठ गई है। विलियम लाई अगले चार साल तक ताइवान के राष्ट्रपति रहेंगे और अगले चार साल तक भारत ताइवान के जरिए चीन की नस दबाता रहेगा।
वैसे आपको बता दें कि भारत को मालदीव में भी एक बड़ी जीत मिली है। मालदीव में भी अब चीन के दोस्त मोहम्मद मुइज्जु का विरोध शुरू हो गया है। इसका सबसे बड़ा सबूत है कि मालदीव में भारत समर्थक मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार आदम अजीम ने माले के मेयर चुनाव में प्रचंड जीत हासिल कर ली है। अजीम की इस जीत को राष्ट्रपति मुइज्जु के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यानी भारत को ताइवान में भी जीत मिली है और मालदीव में भी। आपको याद दिला दें कि ताइवान वो देश है जिसने कुछ दिन पहले ही अपने देश में पहला हिंदू मंदिर खुलने दिया। इसके अलावा ताइवान के राजनयिकों ने दीवाली भी मनाई थी।