रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को हो सकती हैं दांतों से जुड़ी समस्याएं, जानें इन दोनों में संबंध
उम्र बढ़ने के साथ ही कई तरह को रोग होना शुरू हो जाते हैं। दरअसल, समय के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है, जिसकी वजह से लोगों बीमार हो सकते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस को इन बीमारियों में शामिल किया जा सकता है।
यह एक ऑटोइम्यून रोग है, जो अधिक उम्र के लोगों में ज्यादातर देखने को मिलता है। इस समस्या में लोगों की हड्डियों के जोड़ों में सूजन और तेज दर्द होता है। दरअसल, इस रोग में हड्डियों का लचीलापन खत्म होता है, जिससे जोड़ों को हिलाने में भी तेज दर्द महसूस होता है। यह एक से अधिक जोड़ों को अपनी चपेट में ले सकता है। यह समस्या मुख्य रूप से हाथ की कलाई, घुटनों व कूल्हे जोड़ को प्रभावित करती हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस के कुछ मामलों में यह आपके दांतों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में रोगी को ब्रश या फ्लॉसिंग करने में परेशानी हो सकती है।
इसके अलावा, रुमेटाइड अर्थराइटिस के दौरान ली जाने वाली दवाओं से रोगी का मुंह सूख सकता है या उसको मुंह से जुड़ी अन्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वैसे, इसके कम ही मामले सामने आ सकते हैं। आगे आर्थोस्कोपी एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विजय कुमार शर्मा से जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से दांतों पर क्या प्रभाव पड़ता है।