Aadhaar Update: 14 सितंबर को बंद हो जाएगी फ्री सर्विस, यहां देखें पूरी डिटेल

अगर आपने आधार कार्ड से जुड़ी हुई इस फ्री सर्विस का इस्तेमाल नहीं किया है, वर्ना काफी देर जाएगी. 14 सितंबर को आधार की ये फ्री सर्विस बंद होने वाली है. वास्तव में दस साल से अधिक समय पहले जारी किए गए और उसके बाद अपडेट नहीं किए गए आधार कार्डों को रीवैलिडेशन के लिए पहचान प्रमाण और अड्रेस प्रूफ डॉक्युमेंट्स की जरुरत होगी. इसकी लास्ट डेट 14 सितंबर तय की गई है. डेडलाइन खत्म होने कके बाद यूआईडीएआई की ओर से किसी भी अपडेट पर 50 रुपए का चार्ज लिया जाएगा.
आधार ऑथेंटिफिकेशन में वेरिफिकेशन के लिए यूआईडीएआई के केंद्रीय पहचान डेटा रिपॉजिटरी यानी सीआईडीआर में डेमो​ग्राफिक्स या बायोमेट्रिक जानकारी के साथ आधार नंबर सब्मिट करना जरूरी है. इसके बाद यूआईडीएआई अपने पास मौजूद जानकारी के आधार पर डिटेल की एक्युरेसी पर अपनी मुहर लगाता है.
कैसे करें फ्री सर्विस का यूज

myaadhaar.uidai.gov.in पर जाएं और अपने आधार नंबर और अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी का यूज करके लॉग इन करें.
अपनी प्रोफाइल में दिखाई देने वाली आइडेंटिटी और अड्रेस की डिटेल का रिव्यू करें.
यदि जानकारी ठीक है , तो ‘मैं सत्यापित करता हूं कि दी गई जानकारी सही है’ ऑप्शन पर क्लिक करें.
ड्रॉप-डाउन मेनू से आइडेंटिटी और अड्रेस के वेरिफिकेशन के लिए उन डॉक्युमेंट्स का चयन करें जिन्हें आप सब्मिट करना चाहते हैं.
चुने गए डॉक्युमेंट्स अपलोड करें. खास बात तो ये है कि डॉक्युमेंट्स अपलोड चेक करने से पहले चेक कर लें​ कि प्रत्येक फाइल 2 एमबी से कम साइज की और जेपीईजी, पीएनजी या पीडीएफ फॉर्मेट में हो.
जानकारी की समीक्षा करें और अपने आधार डिटेल को अपडेट करने के लिए सब्मिट करें.

आधार कार्ड विवाद, सीएम ममता बनर्जी शामिल
2024 में, लोकसभा चुनाव से पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि पूर्व बर्धमान जिले के जमालपुर में 50 नागरिकों और बीरभूम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के साथ-साथ उत्तर बंगाल में कई दूसरे नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए थे. उन्हें डीलिंक्ड कर दिया गया है. बनर्जी के आरोपों के जवाब में यूआईडीएआई ने कहा कि कोई भी आधार नंबर कैंसल नहीं किया गया है. प्राधिकरण ने शिकायतों को दूर करने और आधार डाटाबेस की अखंडता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया. भारत में आधार कार्ड 28 जनवरी 2009 को पेश किया गया था. यह पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे कई अन्य दस्तावेजों के अलावा एक पहचान पत्र के रूप में भी काम करता है.

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