अडानी और रिलायंस ने इस खास प्रोजेक्ट के लिए लगाई बोली, तगड़ा है मुकाबला

अडानी और रिलायंस ने इस खास प्रोजेक्ट के लिए लगाई बोली, तगड़ा है मुकाबला

अडानी टोटल एनर्जीज, रिलायंस, जीएमआर एनर्जी और सीमेंस समेत दिग्गज रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के बीच उत्तर प्रदेश में एक ग्रीन मोबिलिटी प्रोजेक्ट के लिए तगड़ा मुकाबला है। राज्य सरकार अपने चार एक्सप्रेसवेज (बुंदेलखंड, पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस) पर ई-चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करना चाहती है। यह बात बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में कही गई है।

करीब एक दर्जन कंपनियों ने बिडिंग में लिया हिस्सा
नोडल एजेंसी यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) ने इन प्रोजेक्ट्स में 26 ई-चार्जिंग स्टेशंस का एक नेटवर्क बनाने के लिए प्राइवेट कंपनियों से बोलियां आमंत्रित कीं। एक गवर्नमेंट ऑफिसर के मुताबिक, रिलायंस, अडानी-टोटल एनर्जीज, जीएमआर एनर्जी, बीइलेक्ट्रिक, लाइटजिप टेक्नोलॉजीज, ईवी प्लेक्सस और सीमेंस समेत करीब एक दर्जन कंपनियों ने बिडिंग में हिस्सा लिया। प्रस्तावित ई-चार्जिंग स्टेशंस में पब्लिक अमेनटीज और वेंडिंग जोन्स भी होंगे। सरकार बिडर को 10 साल की लीज पर जमीन उपलब्ध कराएगी।

5 साल बाद राज्य सरकार को मिलेगा रेवेन्यू का 5%
ऑफिसर ने बताया कि जमीन के अलॉटमेंट के बाद कंपनी को 6 महीने के भीतर ऑपरेशंस शुरू करना होगा। राज्य सरकार को 5 साल के बाद रेवेन्यू का 5 पर्सेंट मिलेगा। राज्य सरकार साल 2030 तक फुल ई-मोबिलिटी हासिल करना चाहती है, इसलिए सरकार रिन्यूएबल एनर्जी प्रॉडक्शन को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है। सरकार लोगों को ग्रीन एनर्जी प्रॉडक्ट्स खासतौर से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार दूसरे पब्लिक प्लेसेज और रेजिडेंशियल इनक्लेव्स में ई-चार्जिंग स्टेशंस का मजबूत नेटवर्क बनाना चाहती है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं। प्रदेश में देश के टोटल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का करीब 25 पर्सेंट हिस्सा है। यूपी ईवी मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी 2022 में इनवेस्टमेंट आकर्षित करने, सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट को प्रमोट करने और इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इकोसिस्टम में तेजी लाने की योजना है।

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