13 मई से शुरू हो रही है आदि कैलाश यात्रा, 450 यात्रियों ने कराया रजिस्ट्रेशन

Adi Kailash and Om Parvat Yatra: आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा के लिए टूरिस्टों के बीच खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस यात्रा के लिए अभी तक 450 यात्रियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है और शुल्क जमा कर दिया है.

आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा 13 मई से शुरू होगी. यह यात्रा 13 मई की सुबह हल्द्वानी के काठगोदाम से शुरू होगी और शाम को यात्री पिथौरागढ़ पहुंचेंगे. इसके अलगे दिन यात्री पिथौरागढ़ से धारचूला पहुंचेंगे और फिर 15 मई को यात्री गुंजी पहुंचेंगे.

पिथौरागढ़ में यात्रियों को पिलाया जाएगा बुरांश का जूस

इस यात्रा में यात्री 16 मई को गुंजी से नाभीढांग ओम पर्वत जाएंगे और 17 मई को आदि कैलाश के दर्श करेंगे. इसके बाद यात्री 19 मई को पाताल भुवनेश्वर की गुफा देखेंगे और भीमताल के लिए रवाना हो जाएंगे. 20 मई को यात्री भीमताल से अपने-अपने घरों को वापस लौट जाएंगे. गौरतलब है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आदि कैलाश के दर्शन किए थे. उसके बाद इस यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस यात्रा के दौरान यात्री कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउसों में ठहरेंगे जहां साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा करने वाले यात्रियों का पिथौरागढ़ में स्वागत बरांश का जूस पिलाकर किया जाएगा.

भारत-चीन सीमा पर है आदि कैलाश और ओम पर्वत

आदि कैलाश और ओम पर्वत के श्रद्धेय पर्वत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं. दोनों चोटियां भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखती हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल इन दोनों ही चोटियों के दर्शन करने के लिए पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है. व्यास घाटी जहां आदि कैलाश और ओम पर्वत स्थित हैं, रास्ते में गुंजी, कुटी, नाभि जैसे सुंदर गांवों के साथ हरी-भरी और सुंदर घाटियां हैं.

इन गांवों में आरामदायक होमस्टे हैं जहां टूरिस्ट ठहरते हैं. आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा काठगोदाम या पंतनगर हवाई अड्डे से शुरू होती है और पिथौरागढ़, धारचूला से होकर गुजरती है गुंजी तक पहुंचती है. जहां से एक सड़

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