‘एलियंस 3000 साल से भारत की कर रहे…’ शोध में नया खुलासा, टेक्नोलॉजी में तो हमसे बहुत…
एक बार के लिए सोच कर देखें, अंतरिक्ष में कहीं दूर दराज से एलियन का शहर हो और वहां से एक उन्नत टेलिस्कोप से हमारी धरती को देख रहे हों. क्या देख सकते होंगे? क्या वे हमारी धरती पर जीवन, इंटेलिजेंस या फिर सभ्यता को देख पा रहे होंगे? क्या वे हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे होंगे या फिर वे चुप चाप अब्जॉर्ब करने की कोशिश करेंगे?
सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (SETI) से संबंधित जेडएन उस्मानोव (ZN उस्मानोव) ने अपने ‘आर वी वीजिबल टू एडवांस एलियन सीवीलाइजेसंस’ (Are we visible to advanced alien civilizations?) शोध में लिखा है, जिसमें अलौकिक सभ्यता द्वारा पृथ्वी पर गतिविधियों करने के लिए एलियन के टेक्नोलॉजी के बारे में अध्ययन किया गया था. उन्होंने बताया कि उनकी गतिविधियों पृथ्वी से मात्र 3,000 प्रकाश वर्ष है दूर है, लेकिन क्या वे हमारी जासूसी कर रहे हैं? इस बात पर उनके शोध में काफी ही दिलचस्प खुलासा किया गया.
3,000 साल से हमें देख रहे
उन्होंने बताया कि चूकि एलियन हमसे 3,000 प्रकाश वर्ष दूर हैं, तो वे हमारी वर्तमान गतिविधियों को ट्रैक नहीं कर सकते हैं. यहां तक प्रकाश को अंतरिक्ष में यात्रा करने में लगने वाले समय के कारण कम से कम 3,000 साल की देरी हो सकती है.
हमारे पूर्वज हैं
तो ऐसा हो सकता है कि जो एलियंस वर्तमान में हमें ट्रैक कर रहे होंगे, वह संभवतः हमारे पूर्वज हैं. अध्ययन से पता चलता है कि वे रोमन, यमनी, भारतीय और मिस्र की सभ्यताओं को देख रहे होंगे. वे कोलोसियम, पिरामिड, ताज महल और अन्य प्राचीन आश्चर्यों का निर्माण कार्य देख रहे होंगे. वे साम्राज्यों के उत्थान और पतन, धर्मों के प्रसार, लेखन के विकास और कला और संस्कृति के उद्भव को देख रहे होंगे.
इंटरनेट के बारे में नहीं जानकारी
एलियंस हमारे आधुनिक शहरों, टेक्नोलॉजी और चुनौतियों के साथ वर्तमान पृथ्वी को नहीं देख पाएंगे. उन्हें औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, अंतरिक्ष अन्वेषण या जलवायु परिवर्तन के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई होगी. वे इंटरनेट, स्मार्टफोन, सोशल मीडिया या मीम्स के बारे में नहीं जानते होंगे. वे हमारे साथ बात करने, या हमारे सिग्नल प्राप्त करने, या हमें संदेश भेजने में सक्षम नहीं होंगे.