America Election: ट्रंप के लिए वापसी की राह कितनी आसान, कमला हैरिस दे पाएंगीं टक्कर?

अमेरिका में इस साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव प्रस्तावित हैं. उससे पहले अमेरिका में काफी राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. प्रेसिडेंशियल डिबेट हारने के एक महीने के अंदर ही राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दोबारा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया है. साथ ही उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन भी मिल गया है.
हालांकि, कमला हैरिस की दावेदारी अभी पक्की नहीं है. उनकी उम्मीदवारी पर फैसला अगले महीने होने वाले पार्टी के शिकागो कन्वेंशन में तय होगा. इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया है. हाल के दिनों में हुए कई घटनाक्रमों के साथ ही उनकी दावेदारी भी मजबूत हो गई. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या बाइडेन के हटने से ट्रंप की राह आसान हो जाएगी? क्या कमला हैरिस ट्रंप को टक्कर दे पाएंगी? आइए इस लेख में आगे इन सवालों के जवाब समझते हैं…
इन वजहों से हैरिस ट्रंप को दे सकती हैं कड़ी टक्कर
अगर कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाता है तो वह युवा नेता के तौर पर पार्टी के भीतर नई पीढ़ी का नेतृत्व करेंगी. आपको बता दें कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से करीब 22 साल छोटी हैं. ऐसे में हैरिस के नाम पर अमेरिकी युवा डेमोक्रेटिक पार्टी से फिर जुड़ सकते हैं. कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं और फिलहाल उनकी उम्र 59 साल है. वह न सिर्फ बाइडेन से छोटी हैं, बल्कि ट्रंप से भी छोटी हैं. दोनों की उम्र में 19 साल का अंतर है. ऐसे में वह ट्रंप का ज्यादा मजबूती से मुकाबला कर पाएंगी. साथ ही उनके लिए भारतीय मूल के लोगों का समर्थन हासिल करना भी आसान होगा.
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जो बाइडेन के बाद कमला हैरिस पार्टी की सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं. उन्हें अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने का अनुभव है. इजराइल या यूक्रेन पर कमला का रुख बाइडेन से ज्यादा साफ था. वह यहूदियों की प्रबल समर्थक हैं. इससे उन्हें इजराइल के कट्टर समर्थकों से वोट हासिल करने में मदद मिलेगी. पिछले कुछ समय में हैरिस बंदूक, हिंसा और गर्भपात जैसे मुद्दों पर बोलने के कारण युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुई हैं. वह गर्भपात जैसे मुद्दे उठाकर ट्रंप पर शिकंजा कस सकती हैं, जिसके लिए ट्रंप को कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. वहीं हैरिस को युवाओं के साथ-साथ महिलाओं का भी समर्थन मिल सकता है.
वहीं, अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो वह अमेरिका के इतिहास में पहली महिला प्रेसिडेंट होंगी. हैरिस अभी अमेरिका की उपराष्ट्रपति है. अमेरिका में अब तक कुल 14 उप-राष्ट्रपति ऐसे हुए हैं जिन्होंने बाद में राष्ट्रपति की कमान संभाली हैं. हालांकि, पिछले तीन दशक में ऐसा कारनामा कोई नहीं कर सका है. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रहे जॉर्ज एचडब्लू बुश ने आखिरी बार 1981-89 में उप-राष्ट्रपति बनने के बाद 1981-89 तक राष्ट्रपति रहे थें. वहीं, अगर हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो वह प्रथम महिला राष्ट्रपति के साथ 21वीं सदी में ऐसा कारनामा करने वाली पहली उपराष्ट्रपति भी होंगी.
ट्रंप के लिए वापसी की राह कितनी आसान?
अब अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात करें तो बाइडन के बाहर होने के बाद अब उन्हें यह लड़ाई काफी आसान लग रही है. चुनाव के इतने करीब बाइडन का बाहर होना निश्चित रूप से डोनाल्ड ट्रंप के लिए वापसी की राह आसान बनाता है. हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने खुद कहा है कि बाइडन के मुकाबले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराना आसान होगा.
साथ ही ट्रंप पर हाल ही में हुए जानलेवा हमले के बाद वह सहानुभूति को वोटों में बदलने की पूरी कोशिश करेंगे. पेंसिलवेनिया में एक रैली के दौरान ट्रंप पर हमला हुआ था, जिसमें एक 20 वर्षीय युवक ने उन पर करीब 10 राउंड गोलियां चलाई थीं. इस घटना में हमलावरों की एक गोली ट्रंप के कान को छूती हुई निकल गई थी. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अमेरीका में किसी बड़े नेता पर जानलेवा हमला हुआ है.ट्रंप से पहले भी कई नेता हमलों का शिकार हुए हैं जिसके बाद उनकी पार्टी को जनता की सहानुभूति मिली और चुनावों में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस बार के अमेरिकी चुनाव में लगातार बड़े लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. ट्रंप पर जानलेवा हमले के बाद अब उनके समर्थन में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क भी उतर आए हैं. एलन मस्क ने खुले तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने तो अपने एक्स अकाउंट पर यहां तक कहा दिया कि, ‘पिछली बार अमेरिका में इतना सख्त उम्मीदवार थियोडोर रूजवेल्ट थे.’
भारत के प्रति ट्रंप और हैरिस का क्या होगा रुख?
इसमें कोई संदेह नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत-अमेरिका के रिश्ते पहले के मुकाबले बेहतर हुए हैं. ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना सबसे प्रिय मित्र बताया और पीएम मोदी ने भी उन्हीं शब्दों में ट्रंप को बधाई दी. ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से मौजूदा दौर में दक्षिण एशिया में भारत का मजबूत होना लाजिमी है. ट्रंप की पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन को लेकर भी अपनी दो टूक नीति है. उन्होंने कोरोना को चीनी वायरस बताया था.
वहीं, कमला हैरिस खुद भारतीय मूल की हैं और उनका अब तक का रवैया भी भारत के लिए संतोषजनक रहा है. माना जा रहा है कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो उनके भारतीय मूल की होने की वजह से भारत-अमेरिका के रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ने की संभावना है.

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