डीप फेक वीडियो का एक और काला कारनामा! कंपनी से 212 करोड़ डॉलर लूट लिए
डीप फेक एक बड़ा खतरा है. पहले इसका इस्तेमाल बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़, नेता और हाई-प्रोफ़ाइल लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा था. जैसे आप सभी ने रश्मिका मंदन्ना का डीपफेक वीडियो देखा ही होगा.
वीडियो देखकर लग रहा था कि वो रश्मिका ही हैं. लेकिन वो एक डीपफेक वीडियो था. अब ख़बर आ रही है कि डीपफेक की मदद से एक कंपनी को 200 मिलियन हांगकांग डॉलर यानी तकरीबन 213 करोड़ रुपयों का चूना लगाया गया. एकदम प्रिसाइज़ अमाउंट बताएं तो 212 करोड़ 66 लाख 39 हज़ार 360 रुपए है. (212,66,39,360 रुपए).
घोटाला कैसे हुआ?
South China Morning Post की रिपोर्ट के मुताबिक़ साइबर अपराधियों ने एक मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) का चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) बनकर वीडियो कांफ्रेंस कॉल की. इस कांफ्रेस कॉल में CFO समेत सभी कर्मचारी नकली थे. उन्होंने मिलके MNC के हॉन्गकॉन्ग ऑफिस में कांफ्रेंस कॉल की और पैसे ट्रांसफर करने की मांग की. हॉन्गकॉन्ग ऑफिस के कर्मचारी ने CFO की बात मानते हुए पैसे ट्रांसफर कर दिए.
रिपोर्ट के मुताबिक़ ये घोटाला 2 फरवरी को हुआ है. पुलिस ने कहा कि डीपफेक के पहले भी केस आए हैं लेकिन एक ही बार में पूरी कंपनी को पहली बार निशाना बनाया गया है. हांगकांग में ऐसा पहला मामला आया है.
: रश्मिका का डीप फेक वीडियो किसने बनाया था, पता चल गया
कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि पैसों की मांग के लिए एक ईमेल जनवरी में आया था. उसने इस पर ध्यान नहीं दिया. फिर यह डीपफेक वीडियो कॉल की गई. इसमें उसे लगा कि सीएफओ समेत सभी कर्मचारी असली हैं. वह इनमें से कईयों को जानता था. इसलिए वह झांसे में आ गया और पैसे ट्रांसफर कर दिए. पुलिस ने आगे बताया कि कर्मचारी के पास पैसे के लिए ईमेल जनवरी में आया था. उसमें उससे एक सीक्रेट ट्रांजेक्शन करने की बात लिखी हुई थी. लेकिन उसने उसे इग्नोर कर दिया. बाद में जब कांफ्रेंस कॉल आई, तो उसे पता नहीं चल पाया कि ये डीपफेक वीडियो है. क्योंकि कॉल में कई ऐसे चेहरे थे, जिन्हें वो पहले से जानता था. उसने बताया कि कॉल शुरू होते ही पहले उससे उसका परिचय लिया गया. थोड़ी बातचीत हुई. ये सब एक हफ़्ते चला. इस बीच कर्मचारी ने हांगकांग के पांच बैंक अकाउंट में टोटल 200 मिलियन हांगकांग डॉलर (2.56 करोड़ यूएस डॉलर) के 15 ट्रांजेक्शन किए.
कर्मचारी ने जब इस बारे में हेडक्वार्टर से बात की, तो इस मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने बताया है कि अभी तक इस घोटाले में किसी को गिरफ़्तार नहीं किया है. आरोपियों ने फेशियल रिकग्निशन प्रोग्राम का इस्तेमाल करके डीपफेक कांफ्रेंस कॉल की थी.