अंसारी से बने चतुर्वेदी…पंडित से कम नहीं है ये मौलाना, राम भक्ति में पढ़ डाले चारों वेद और 18 पुराण
यूं तो भगवान राम के अनेक भक्त आपने देखे होंगे लेकिन तहजीब के शहर लखनऊ में एक ऐसे मौलाना रहते हैं जिन्होंने सिर्फ राम भक्ति में ही हिंदू धर्म के चारों वेदों और साथ में 18 पुराणों को पढ़ लिया. यही नहीं मक्का मदीना में भी जाकर इन्होंने हिंदू धर्म के वेदों की स्तुति की जिस पर इन्हें वहां पर सम्मानित किया गया. यही नहीं रामायण की इन्हें तमाम चौपाइयां भी याद है, जब यह उन चौपाइयों को सुनाते हैं तो लोग मंत्र मुग्ध हो जाते हैं.
दरअसल इनका नाम है मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ‘चतुर्वेदी’ जो लखनऊ के दारुल सफा विधायक कॉलोनी में रहते हैं. जब इनसे बात की गई तो इन्होंने बताया कि पिछले 12 सालों से वह हिंदू धर्म के वेद पुराण को पढ़ रहे थे. जब चारों वेद का ज्ञान इनको हो गया तो इन्होंने अपने नाम के आगे चतुर्वेदी लगा लिया क्योंकि जिसे चारों वेदों का ज्ञान होता है उसे ही चतुर्वेदी कहते हैं.
राम से सीखे समाज
मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ‘चतुर्वेदी’ कहते हैं कि भगवान राम सबके अलग-अलग हैं. भगवान राम इस धरती पर प्रकट इसलिए हुए थे ताकि समाज को अच्छा संदेश दे सकें. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने जो संदेश समाज को दिया त्याग, बलिदान और संघर्ष का अगर उसका एक परसेंट भी लोग अपने जीवन में अनुसरण करें तो समाज से सारी अज्ञानता दूर हो जाएगी और अमन चैन बरकरार रहेगा.
हम सब एक ही हैं
मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ‘चतुर्वेदी’ से जब 18 पुराणों के नाम पूछे गए तो वह बिना रुके और बिना थके बताते हैं कि हिंदू धर्म में कुल 18 पुराण हैं जैसे ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण. वह कहते हैं कि इन पुराणों को पढ़ने के बाद पता चला कि हम सब एक ही हैं, जो हमारी कुरान में कहा गया है वही हिंदू धर्म की पुराण में कहा गया है.
राम मंदिर जाकर करेंगे दर्शन
मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी कहते हैं कि वह अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद दर्शन जरूर करेंगे. जब राम मंदिर नहीं बनी थी तब भी वह कई साल पहले वहां गए थे और उन्होंने दर्शन किए थे. वह कहते हैं कि भारत देश की तमाम मंदिरों के वह दर्शन कर चुके हैं और इन्होंने मक्का मदीना से भी हिंदू वेदों की स्तुति करके वहां के लोगों को भी मंत्र मुग्ध कर दिया था. डेढ़ लाख रुपये का पुरस्कार भी इसके लिए वहां की ओर से इनको दिया गया था.
मिठाई की चलाते हैं दुकान
मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ‘चतुर्वेदी’ कहते हैं कि पिछले 51 साल से गोंडा में इनकी मिठाई की दुकान चल रही है. वहां पर एक से बढ़कर एक मिठाइयां बनती है, जो लोगों को खूब पसंद आती है. इसी से इनका परिवार चलता है ।