Anurag Kashyap Birthday: 10 दिनों में 55 फिल्में देखने वाला वो डायरेक्टर, जिसका करियर मनोज बाजपेयी ने चमका दिया
अनुराग कश्यप ने साल 1994 में टीवी सीरियल शांति के एक एपिसोड में डायलॉग लिखकर लाइट, कैमरा और एक्शन की दुनिया में अपना कदम रखा था. 10 सितंबर 1972 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पैदा हुए अनुराग का बचपन से ही सिनेमा में दिल लगता था. पर बीच में भटक गए थे. सोचा साइंटिस्ट बनते हैं. इसके लिए उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज में जूलॉजी में एडमिशन भी ले लिया था. अनुराग ने सिनेमा का पीछा छोड़ा था, लेकिन सिनेमा ने नहीं. कॉलेज के दिनों में नुक्कड़ नाटक हुआ करते थे. कोर्स पूरा करने के बाद अनुराग का मन मचला और उन्होंने नुक्कड़ नाटक ग्रुप जन नाट्य मंच ज्वाइन कर लिया.
बताते हैं कि इसी वक्त उन्हें इंडियन फिल्म फेस्टिवल में जाने का मौका मिला. फिल्मों के प्रति उनकी दीवानगी का अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने उस फिल्म फेस्टिवल में 10 दिनों के दौरान 55 फिल्में देख डाली. इस दौरान वो वोटिरयो डी सेका की फिल्म बाइसलक थीव्स से खूब प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने मुंबई जाने की ठान ली. 1993 में वो घर से 5 हजार लेकर निकल पड़े मुंबई के लिए. शुरुआत में कुछ मुश्किलें देखीं.
मनोज ने ऐसे चमकाई किस्मत
आईएमडीबी के मुताबिक अनुराग कश्यप कुछ वक्त तक छोटे पर्दे पर ही लेखक के तौर पर काम करते रहे. फिर एक दिन उन्होंने राम गोपाल वर्मा के लिए फिल्म सत्या लिखी और फिर उनकी तकदीर का सितारा बुलंद और बुलंद होता चला गया. पर ये फिल्म उन्हें मनोज बाजेपेयी की वजह से मिली थी. मनोज ने ही अनुराग को राम गोपाल वर्मा से मिलवाया था. राम गोपाल वर्मा को लेखक की ज़रूरत थी. फिर उन्होंने राम गोपाल वर्मा के साथ सत्या लिखी और फिल्म कल्ट क्राइम थ्रिलर साबित हुई.
मनोज और अनुराग का विवाद
मनोज बाजपेयी और अनुराग कश्यप ने चार प्रोजेक्ट में साथ काम किया. पहली फिल्म तो सत्या ही थी. इसके बाद अनुराग कश्यप ने कौन और शूल जैसे प्रोजेक्ट में साथ काम किया. इन दोनों फिल्मों का निर्देशन भी राम गोपाल वर्मा ने ही किया था और लीड रोल में मनोज बाजपेयी थे. इसके 13 साल बाद उन्होंने गैंग्स ऑफ वासेपुर में साथ काम किया. इतने दिनों तक साथ नहीं काम करने पर एक इंटरव्यू में मनोज ने जवाब दिया था.
मनोज बाजपेयी ने कहा था, “कुछ नहीं हुआ था. कुछ चीज़ों को लेकर गलतफहमी हो गई थी. बातचीत नहीं हुई. जब कोई बात कुछ ज्यादा बढ़ा दी जाती है तो कभी कभी शर्मिंदगी होती है. बातचीत नहीं की. वो भी कोई मेरी टाइप की फिल्म तो बना नहीं रहा था, जिसमें मेरी ज़रूरत पड़े. उसको भी ये था कि मनोज बाजपेयी की ज़रूरत अभी तो नहीं है क्योंकि इसका करियर डाउन जा रहा था. इसलिए हम दोनों अपनी अपनी जिंदगी में मस्त हो गए थे. न उसको मेरी ज़रूरत थी न मुझे उसकी.”
अनराग कश्यप की आखिरी फिल्म केनेडी थी, जो साल 2023 में आई थी. इसके लेखन के साथ-साथ निर्देशन भी अनुराग ने ही किया था. इस वक्त अनुराग के पास कई प्रोजेक्ट्स हैं. इसमें मैक्सिमम सिटी, सैयामी खेर के साथ एक प्रोजेक्ट है. इसके अलावा बॉबी देओल के साथ भी एक अनटाइटल्ड प्रोजेक्ट है.