दिल्ली-पंजाब के अलावा अन्य राज्यों पर भी AAP की नजर, सीट शेयरिंग पर आज कांग्रेस से मंथन

लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर कांग्रेस ‘INDIA’ गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ फॉर्मूला बनाने में जुट गई है. बिहार को लेकर आरजेडी नेताओं के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता सोमवार को दिल्ली और पंजाब की सीट बंटवारे के लिए आम आदमी पार्टी के साथ बातचीत करेंगे. सीट-बंटवारे पर मुकुल वासनिक के नेतृत्व वाली कांग्रेस की पांच सदस्यीय समिति के साथ होने वाली बैठक में आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद संदीप पाठक, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी शिरकत करेंगी. इस दौरान दिल्ली, पंजाब की 20 सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग पर बात होनी है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से गुजरात की एक सीट पर अपना कैंडिडेट घोषित किया है, उसके चलते अब देखना है कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का क्या फॉर्मूला निकलता है?

संदीप पाठक ने कहा है कि सिर्फ दिल्ली हीं नहीं आज उन सभी राज्यों पर चर्चा होगी, जहां आम आदमी पार्टी के इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव हैं और संगठन है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारों का मुद्दा सुलझाना आसान नहीं है, क्योंकि दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी का दबदबा है. कांग्रेस के हाथों से ही दोनों ही राज्य की सत्ता आम आदमी पार्टी ने छीनी है. इसके चलते ही दोनों दलों के बीच सियासी तकरार भी चलती रहती है. इसके बावजूद 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आपस में हाथ मिलाया है और अब सीट बंटवारे के लिए एक साथ बैठक कर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के खाते में कौन सी सीट जाएगी और कौन सी नहीं?

कांग्रेस कर चुकी है होमवर्क

कांग्रेस ने INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ बातचीत करने से पहले अपने राज्य ईकाई नेताओं के साथ बैठक कर उनकी नब्ज को समझने की कोशिश की है. मुकुल वासनिक के नेतृत्व में सीट-बंटवारे के संबंध में बनी कांग्रेस की पांच सदस्यीय समिति में सलमान खुर्शीद, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल शामिल है. कांग्रेस समिति के नेताओं ने अपनी पार्टी के प्रदेश संगठन के साथ बैठक कर सीट शेयरिंग का होमवर्क तैयार कर रखा है, जिसकी रिपोर्ट भी मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी गई थी. इसके बाद ही कांग्रेस हाईकमान ने इस समिति को INDIA ब्लॉक के पार्टी के साथ सीट बंटवारे के लिए अधिकृत किया है.

कांग्रेस की इस समिति ने अब बारी-बारी से INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ अलग-अलग राज्यों को लेकर बातचीत का सिलसिला शुरू किया है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेताओं की बैठक दिल्ली और पंजाब को लेकर आम आदमी पार्टी के साथ है. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का कहना है कि विभिन्न दलों के साथ बैठक जारी रहेगी. हम बैठक में सबसे पहले वहां की सीटों के बारे हमारी समझ रख रहे हैं फिर उनसे उनका आकलन पूछ रहे हैं. सोमवार को हम आम आदमी पार्टी के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर चारों तरफ अच्छी बातचीत जारी है.

दिल्ली-पंजाब में सीट शेयरिंग

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबले के लिए बने विपक्षी गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हैं. दिल्ली और पंजाब दोनों ही जगहों पर आम आदमी पार्टी का फिलहाल दबदबा है, क्योंकि दोनों ही राज्यों की सत्ता में है. दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें है और पंजाब में 13 लोकसभा सीटें आती है. दिल्ली की सभी सातों सीटों पर बीजेपी दो बार से काबिज है जबकि पंजाब की 13 सीटों को देखें तो 2019 में कांग्रेस 8, अकाली दल 2, बीजेपी दो और एक सीट आम आदमी पार्टी जीती थी. 2022 में पंजाब की सत्ता पर आम आदमी पार्टी के काबिज होने के बाद सियासी हालात बदले हैं, जिसके चलते ही सीट बंटवारे को लेकर दोनों ही दलों के बीच कशमकश की स्थिति है.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही 2024 में पंजाब में अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और एक दूसरे के साथ गठबंधन करने से इनकार कर रहे थे. हालांकि, आंतरिक विचार-विमर्श के बाद अब दोनों ही दल एक-दूसरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए रजामंद हुए हैं, जिसके चलते ही सीट शेयरिंग पर औपचारिक बातचीत होगी. ऐसे में सभी की निगाहें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीटों को लेकर लगी है कि कौन कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगा.

दिल्ली में क्या होगा सीट फॉर्मूला

दिल्ली में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत होनी है. दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सिर्फ एक सीट के चलते बात नहीं बन सकी थी, क्योंकि आम आदमी पार्टी 5 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी जबकि कांग्रेस 3 सीटें मांग रही थी. इस बार कांग्रेस कम से कम 2 से तीन सीटें पर चुनाव लड़ना चाहेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी एक से दो सीटें ही छोड़ सकती है. ऐसे में देखना होगा कि दिल्ली की सात में से आम आदमी पार्टी कितनी सीट पर चुनाव लड़ती है और कितनी सीटें वो कांग्रेस के लिए छोड़ती है. सूत्रों की मानें तो 5-2 का फार्मूला बन सकता है, जिसमें पांच सीटें आम आदमी पार्टी और दो सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है.

पंजाब की 13 सीटों का क्या होगा

पंजाब में कुल 13 लोकसभा सीटें है. अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पंजाब के लोगों से 13 में से 13 लोकसभा सीटें मांगी थी. सीएम केजरीवाल के इस बयान के बाद पंजाब में सीट शेयरिंग कैसे होगी इस पर सवाल है। इतना ही नहीं, पंजाब में कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर हमलावर हैं. ऐसे में सीट शेयरिंग की राह आसान नहीं है. इसीलिए सोमवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच होने वाली मीटिंग काफी अहम होने वाली है. कांग्रेस 2019 में जीती हुई अपनी सीटें नहीं छोड़ना चाहती है जबकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि 2022 के बाद सियासी हालात बदल गए हैं और कांग्रेस की स्थिति पहले जैसी नहीं रही. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग का 7-6 का फॉर्मूला बन सकता है, जिसमें 7 सीटें कांग्रेस और 6 सीटें आम आदमी पार्टी.

गुजरात पर भी क्या होगी बात

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर कोई फॉर्मूला तय होने से पहले ही रविवार को गुजरात के नेत्रांग में रैली करके एक सीट पर अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया है. केजरीवाल ने कहा कि, लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी गुजरात में भी लड़ेगी. भरूच लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी विधायक चैतर वसावा प्रत्याशी होंगे. चैतर वसावा गुजरात के डेडियापाड़ा से विधायक हैं. भरुच लोकसभा सीट पिछले तीन दशक से बीजेपी का कब्जा है. गुजरात की सभी 26 सीटों पर बीजेपी लगातार दो बार से पूरी तरह काबिज है और तीसरी बार भी क्लीन स्वीप करने के टारगेट तय किया है.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी क्या दिल्ली और पंजाब की तरह गुजरात में भी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे या फिर अलग-अलग किस्मत आजमाएंगे. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने बड़ा झटका दिया था और लोकसभा चुनाव में भी जिस तरह से कैंडिडेट उतारने ने शुरू कर दिए हैं, उसके चलते साफ है कि पार्टी एक बार फिर से किस्मत आजमाएंगे. ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर सोमवार को होने वाली आम आदमी पार्टी के नेताओं और कांग्रेस नेताओं के बीच होने वाली बैठक में दिल्ली और पंजाब ही नहीं बल्कि गुजरात और दूसरे राज्यों की सीट शेयरिंग पर बात हो सकती है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस क्या गुजरात में आम आदमी पार्टी के लिए सीटें छोड़ेगी या फिर नहीं?

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