Apple iPhone बनाने वाली Foxconn भारत में नहीं दे रही शादीशुदा महिलाओं को नौकरी? क्या है पूरा मामला

दुनिया की सबसे प्रमुख टेक कंपनियों में से एक एपल इंक ने हाल में भारत के अंदर अपना आईफोन प्रोडक्शन बढ़ाया है. साथ ही अपने अन्य डिवाइस के प्रोडक्शन को भी इंडिया में शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. भारत में ये काम उसकी प्रमुख सप्लायर फॉक्सकॉन करती है. फॉक्सकॉन के बारे में खबर ये है कि इंडिया में वह अपने दक्षिण भारत के प्लांट में शादीशुदा महिलाओं के जॉब्स एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर रही है. क्या है ये पूरा मामला…
रॉयटर्स ने अपनी एक इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2023 में पार्वती और जानकी नाम की दो महिलाएं फॉक्सकॉन की फैक्टरी में नौकरी के लिए जाती हैं. दोनों की उम्र 30 वर्ष से कम है. फैक्टरी के गेट पर मौजूद गार्ड उनसे उनके शादीशुदा होने को लेकर सवाल पूछता है और उनके हां में जवाब देने पर वापस लौटा देता है.
पार्वती और जानकी को नहीं हुआ भरोसा
इस बारे में एजेंसी ने जब पार्वती से पूछताछ की, तो उसने बताया कि जो ऑटोरिक्शा ड्राइवर उन्हें बस स्टैंड से फैक्टरी के गेट तक लेकर गया था, उसने भी कहा था कि कंपनी शादीशुदा महिलाओं को नौकरी नहीं देती है. उन दोनों को ऑटोरिक्शा ड्राइवर की बात पर पूरा भरोसा नहीं हुआ. वे दोनों फिर भी खुद को एक मौका देने के लिए वहां गईं, लेकिन उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा.
फॉक्सकॉन के रवैये की हुई पुष्टि
रॉयटर्स ने जब इस बारे में और जांच-पड़ताल की तो फॉक्सकॉन से जुड़े करीब 17 कर्मचारियों ने नाम ना बताने की शर्त पर कंपनी के इस रवैये की पुष्टि की. एजेंसी ने फॉक्सकॉन इंडिया के पूर्व ह्यूमन रिसोर्सेस एग्जीक्यूटिव एस. पॉल के हवाले से लिखा है कि कंपनी एक सिस्टम के तहत इंडिया में अपनी आईफोन असेंबली की प्रमुख फैक्टरी में शादीशुदा महिलाओं को नौकरी पाने से बाहर रखती है. इसकी वजही ये है कि शादीशुदा महिलाओं के पास अविवाहित स्त्रियों के मुकाबले ज्यादा जिम्मेदारियां होती हैं.
एस. पॉल का कहना है कि कंपनी के एग्जीक्यूटिव्स को मौखिक तौर पर रिक्रूटमेंट से जुड़े ये नियम बता दिए जाते हैं. साथ कंपनी के लिए हायरिंग करने वाली एजेंसियों को भी ये पासऑन कर दिया जाता है. इस तरह इंटरव्यू के दौरान ही महिलाओं के शादीशुदा होने की स्थिति में उन्हें नौकरी पाने की दौड़ से ही बाहर कर दिया जाता है.
शादीशुदा महिलाएं पहनती हैं ज्वैलरी
एस. पॉल ने अगस्त 2023 में फॉक्सकॉन की नौकरी छोड़ दी और एक कंसल्टिंग फर्म में काम करने लगे. उन्होंने बताया कि फॉक्सकॉन के शादीशुदा महिलाओं को नौकरी पर नहीं रखने की वजह ‘कल्चरल’ और उन पर पड़ने वाला ‘सामाजिक दबाव’ है. कंपनी की नजर में महिलाओं को शादी के बाद कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, विशेष तौर पर शादी के बाद उनके बच्चे होते हैं”
एस. पॉल की बात का समर्थन फॉक्सकॉन के 17 अन्य एम्प्लॉइज ने भी किया है. इनमें से करीब दर्जनभर से ज्यादा फॉक्सकॉन की हायरिंग एजेंसी से जुड़े रहे हैं. फॉक्सकॉन के एचआर से जुड़े सूत्रों ने फैमिली ड्यूटीज, प्रेग्नेंसी इत्यादि को रिस्क फैक्टर बताते हुए कहा कि इसलिए कंपनी चेन्नई के पास वाले संयंत्र में शादीशुदा महिलाओं को नौकरी पर रखती है. एक और वजह शादीशुदा महिलाओं का ज्वैलरी पहनना भी है, जो प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकता है.
2022 में भी उठे थे कंपनी की पॉलिसी पर सवाल
शादीशुदा महिलाओं को नौकरी पर रखने को लेकर फॉक्सकॉन का ये बैन पूर्णकालिक नहीं है. इस बारे में कंपनी के तीन पूर्व एचआर एग्जीक्यूटिव के हवाले से खबर में कहा गया है कि जब प्रोडक्शन की डिमांड ज्यादा होती है या जब लेबर की शॉर्टेज होती है, तब इस नियम में ढील दे दी जाती है. वहीं कई बार हायरिंग एजेंसी भी जॉब दिलाने के लिए महिलाओं को उनका शादी का स्टेटस छिपाने के लिए कहती हैं.
इस बारे में एजेंसी ने 2022 में भी एपल और फॉक्सकॉन से सवाल किए थे. उन्होंने अपनी हायरिंग पॉलिसी में इस समस्या को स्वीकार किया था और इसे जल्द दुरुस्त करने की बात कही थी. हालांकि ताजा घटनाएं 2023 और 2024 की हैं.

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