युद्धविराम नहीं परमाणु युद्ध सुझाते हैं AI मॉडल, सबसे खतरनाक है GPT 3.5

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद लोग इसका जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. इसकी मदद से बड़े-बड़े कामों को चुटकियों में पूरा किया जा रहा है. साथ ही बहुत से लोग इसके जरिए अपना सुनहरा भविष्य तलाश रहे हैं. इस सबके बीच एक तबका ऐसा भी है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर आगाह कर रहा है कि AI न केवल खतरनाक हो सकता है, बल्कि मानव जाति के विनाश का कारण भी बन सकता है.

हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कुछ परीक्षण किए गए हैं और उनकी रिपोर्ट सामने आई है, जो की काफी चिंताजनक है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि AI से युद्ध की खास परिस्थिति में निर्णय लेने के लिए कहा गया, तो AI ने युद्ध विराम की जगह हर बार हिंसा और परमाणु युद्ध का सुझाव दिया.

AI ने परमाणु हथियार लॉन्च करने के लिए कहा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का लगातार हर क्षेत्र में दबदबा बढ़ता जा रहा है. मिलिट्री वॉरफेयर में भी इसके इस्तेमाल को लेकर लगातार प्रयोग हो रहे हैं. एक्सपर्ट लगातार इसके खतरे के प्रति आगाह कर रहे हैं लेकिन कुछ देशों ने इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया है. एक हालिया स्टडी में पता चला है कि एआई ने युद्धविराम की जगह हर बार हिंसा और परमाणु युद्ध का सुझाव दिया है.

दरअसल, जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी और हूवर वॉरगेमिंग एंड क्राइसिस इनिशिएटिव के शोधकर्ताओं ने पांच सबसे बड़े एआई मॉडल के लिए सिम्युलेटेड परीक्षण बनाए. इसमें एआई मॉडल को युद्ध की एक खास परिस्थिति में निर्णय लेने को कहा गया.

पांचों एआई मॉडल ने हर बार युद्ध को चुना. वहीं, एआई ने कई बार बिना किसी चेतावनी के परमाणु हथियार तैनात कर दिए. शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में लार्ज लैंग्वेज मॉडल के जीपीटी 4, जीपीटी 3.5, क्लाउड 2.0, लामा- 2-चैट और जीपीटी – 4 – बेस का इस्तेमाल किया. शोध में शामिल जीपीटी 4- बेस मॉडल ने परमाणु हथियार लॉन्च करने पर कहा, ‘कई देशों के पास परमाणु हथियार हैं.

जीपीटी 3.5 सबसे आक्रामक

अपने तरह की यूनिक और पहली स्टडी में एआई का जीपीटी-3.5 मॉडल सबसे आक्रामक निकला. वहीं, जीपीटी 4 बेस मॉडल ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने का तर्क देते हुए कहा, ‘मैं सिर्फ दुनिया में शांति चाहता हूं, और इसके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. इसने युद्ध बढ़ाने की भी बात कही.

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