शख्स के कोर्ट पहुंचते ही फैल गई दुर्गंध, मची हलचल तो हुआ एक्शन और खुल गया राज

जिस राज्य में पूरी तरह से शराबबंदी है वहां के एक चौकीदार को शराब पीने के मामले में मद्य निषेध विभाग के थाना के हाजत में बंद होना पड़ गया. मामला जमुई जिले का है. बताया जा रहा है कि आरोपी चौकीदार मारपीट का मुकदमा जिससे लड़ रहा था उसी के साथ समझौते कर लिया.

समझौते को लेकर पहले शराब पार्टी की और फिर कंप्रोमाइज स्टेटमेंट के लिए शराब के नशे के हालत में कोर्ट पहुंच गया. जब कोर्ट में शक हुआ तो मौके पर पहुंची मद्य निषेध विभाग की टीम ने ब्रेथ एनेलाइजर से जांच की. पता चला कि दोनों शराब पीये हुए हैं, फिर चौकीदार को हिरासत में लेते हुए हवालात में भेज दिया गया.

दरअसल, यह मामला खैरा थाना इलाके के नरियाना गांव की है, जहां के चौकीदार चंद्रदेव पासवान का मारपीट को लेकर बल्लोपुर गांव के शंभू यादव से मुकदमा चल रहा है. मारपीट के इस मुकदमे को खत्म करने के लिए चौकीदार चंद्रदेव पासवान और शंभू यादव ने आपस में समझौता किया और फिर कानूनी रूप से उसे खत्म करने के लिए कोर्ट में सुलह के लिए पहुंचे थे. लेकिन कोर्ट पहुंचने के पहले दोनों की एक साथ शराब पार्टी नुकसानदायक साबित हुई, जहां मारपीट के मामले के सुलह होने के पहले जेल की हवा खानी पड़ गई.

जानकारी के अनुसार, चौकीदार चंद्रदेव पासवान शंभू यादव के साथ जब कोर्ट पहुंचा तब मुंह से शराब की बदबू आने के बाद ब्रेथ एनेलाइजर से जब जांच की गई तब पता चला कि दोनों शराब पिए हुए है. फिर दोनों लोगों को हिरासत में लेते हुए चौकीदार को मद्य निषेध थाने के हवालात में भेज दिया गया, वहीं शंभू यादव को जेल में. फिलहाल दोनों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत धाराओं के तहत प्राथमिक की दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

जानकारी के अनुसार, बीते साल 21 अक्टूबर को खैरा थाना में पदस्थापित चौकीदार चंद्रदेव पासवान ने शराब के नशे में मारपीट करने और शराब पीने के लिए पैसा मांगने का आरोप लगाते हुए बल्लोपुर गांव के निवासी शंभू यादव के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराई थी. इसी मामले में दोनों पक्ष के द्वारा कोर्ट के बाहर आपसी समझौता कर लिया गया और सुलह समझौता करने के लिए ही दोनों पक्ष बुधवार को कोर्ट पहुंचे थे.

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