‘देश में नफरत, डर, शोषण का माहौल’…न्याय यात्रा में शामिल होने पर बोले दानिश अली

राहुल गांधी आज से अगले दो महीने के लिए भारत न्याय यात्रा पर निकले हैं. यह भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण कहा जा रहा है. इस यात्रा में शरीक होने के लिए मायावती की बहुजन समाज पार्टी से निलंबित लोकसभा सदस्य दानिश अली भी इंफाल पहुंचे हैं.

दानिश अली ने इस सिलसिले में आज एक के बाद एक कई ट्वीट भी किए. एक लंबे थ्रेड में उन्होंने अपने समर्थकों और चाहने वालों को बताया कि उन्होंने क्यों राहुल गांधी का साथ देने का फैसला किया. साथ ही यह भी कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस देश के लिए बहुत आवश्यक है.

‘मेरे पास दो ही रास्ते थे’

दानिश अली ने कहा है कि उन्होंने यात्रा में शामिल होने का फैसला बहुत सोच-समझकर किया. राहुल गांधी की यात्रा कमजोर लोगों को न्याय दिलाने और भारतवासियों को जोड़ने की यात्रा है. दानिश अली ने बताया कि देश में जिस तरह का मौजूदा माहौल है, मेरे पास दो ही विकल्प थे.

दानिश के मुताबिक या तो यथास्थिति को कुबूल कर लिया जाए और दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के शोषण को नजरअंदाज किया जाए या फिर नफरत, डर, शोषण और देश को बांटने वालों के खिलाफ एक मुहिम चलाई जाए, मैने दूसरे रास्ते को चुना है.

‘नफरत, भय, शोषण के खिलाफ यात्रा’

दानिश ने कहा कि मेरा ये फैसला लेना स्वाभाविक है क्योंकि इस तरह के नफरत से भरे बयान देश की संसद में मेरे और मेरे धर्म के बारे में दी गई. दानिश अली ने भारत न्याय यात्रा को नफरत, भय, शोषण और विभाजन की राजनीति के खिलाफ कहा है. दानिश अली ने कहा है कि अगर मैं इस यात्रा में नहीं जुड़ता तो एक राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर ये अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने वाला होता.

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