Avinash Sable Olympics Final: स्टीपलचेज रेस में अविनाश साबले मेडल से चूके, ऐतिहासिक फाइनल में मिला 11वां स्थान
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के एथलीट अविनाश साबले मेडल जीतने में नाकाम रहे. पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपल चेज के फाइनल में हिस्सा ले रहे अविनाश साबले इस रेस में टॉप-10 में भी नहीं रहे. वहीं मोरक्को के सूफयान अल बक्काली ने एक बार फिर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया. बक्काली ने ही पिछले ओलंपिक में भी इसका गोल्ड जीता था और लगातार दूसरी बार ये गोल्ड जीतने वाले पहले पुरुष एथलीट बने. उन्होंने 8:06.05 मिनट में अपनी रेस पूरी की. अमेरिका के केनेथ रूक्स ने इसका सिल्वर मेडल और केन्या के अब्राहम किबिवोत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.
15 रेसरों में 11वें स्थान पर
इस रेस में साबले समेत कुल 15 एथलीट हिस्सा ले रहे थे, जिसमें भारतीय रेसर 11वें स्थान पर रहे. नेशनल रिकॉर्ड होल्डर साबले ने 8:14.18 मिनट में अपनी रेस पूरी की. हालांकि, उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड की तुलना में अपनी रेस को 01.25 सेकंड पहले खत्म कर दमदार प्रदर्शन किया लेकिन ये उन्हें मेडल तो दूर टॉप-10 तक पहुंचाने के लिए भी काफी नहीं था. भारतीय सेना में नाइब सूबेदार 29 साल के साबले ने इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लिया था.
3000 मीटर स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने कई बार अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को तोड़ा है. उन्होंने पेरिस में ही पिछले महीने डाइमंड लीग में 8:09.94 मिनट का समय निकाला था जो इस वक्त भारत का नेशनल रिकॉर्ड है. उम्मीद की जा रही थी कि ओलंपिक में वो इसे बेहतर करेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं सका. अपने दूसरे ओलंपिक में हिस्सा ले रहे अविनाश इस बार भी खाली हाथ लौटे हैं. इसके बावजूद उनका प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा क्योंकि वो पहली बार फाइनल में हिस्सा ले रहे थे.
साबले के लिए ऐतिहासिक फाइनल
साबले ने 5 अगस्त को हुई क्वालिफिकेशन रेस की अपनी हीट में 8:15.43 मिनट का समय निकाला था और 5वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वो इस रेस के फाइनल में पहुंचने वाले भारतीय इतिहास के पहले एथलीट भी बने थे. टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने क्वालिफिकेशन में 8:18.12 मिनट के साथ उस वक्त का नेशनल रिकॉर्ड बनाया था लेकिन फाइनल में नहीं पहुंच पाए थे. इस लिहाज से साबले का फाइनल में पहुंचना न सिर्फ ऐतिहासिक था बल्कि पिछले ओलंपिक की तुलना में बेहतर प्रदर्शन भी था.