Ayodhya Ram Mandir…आखिर रामलला क्यों कहलाएंगे ‘बालक राम’, जानिए नामकरण के पीछे की सच्चाई

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा की गई। मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, रामलला की नई मूर्ति को ‘बालक राम’ के नाम से जाना जाएगा। इस विग्रह का नाम ‘बालक राम’ इसलिए रखा गया है क्योंकि भगवान पांच वर्ष के बच्चे के रूप में खड़ी मुद्रा में स्थापित किए गए हैं।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति, जिसका अभिषेक 22 जनवरी को किया गया था, का नाम ‘बालक राम’ रखा गया है। भगवान राम की मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है।

नए युग का आगमन

उन्होंने कहा कि पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी तो मैं रोमांचित हो गया और मेरे आंखों से आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई उसे मैं बयां नहीं कर सकता। लगभग 50-60 प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान करा चुके काशी के पुजारी दीक्षित ने कहा कि अब तक किए गए सभी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठानों में से यह मेरे लिए सबसे ‘अलौकिक ‘ और ‘सर्वोच्च’ है।

उन्‍होंने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक भव्य समारोह में की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक नए युग के आगमन का प्रतीक है

 

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