Ayodhya Ram Mandir: रामलला के दर्शन करने की है इच्छा? 26 जनवरी बाद बनाएं अयोध्या का प्लान, फायदे में रहेंगे, जानें कैसे?
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी और इसके लिए तैयारियां अब अंतिम चरण में है. 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या राममय रहेगी, क्योंकि इस दिन भक्तों का जनसैलाब उमड़ेगा. हालांकि, पीएम मोदी और मंदिर प्रशासन बार-बार इस दिन भक्तों को अयोध्या नहीं आने की अपील कर रहे हैं. अगर आप भी 22 जनवरी को अयोध्या जाकर भगवान रामलला का दर्शन करने की योजना बना रहे हैं तो आपको जरा ठहरने की जरूरत है. 22 जनवरी को भक्तों की भीड़ की वजह से सबका दर्शन कर पाना संभव नहीं नजर आ रहा. यही वजह है कि एक बार फिर से राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपील की भगवान राम का दर्शन करने के लिए लोग 26 जनवरी के बाद आएं.
26 जनवरी के बाद रात 12:00 बजे तक कर सकेंगे रामलला का दर्शन
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आखिर 26 जनवरी के बाद अयोध्या आना कैसे एक बेहतर विकल्प है. चंपत राय ने अपील की 26 जनवरी के बाद लोग आएं और रामलला का दर्शन करें. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी के बाद रात 12:00 बजे तक भक्त राम लला का दर्शन कर सकेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक दर्शन पूरा नहीं हो जाएगा मंदिर खुला रहेगा. उन्होंने हल्के अंदाज में यह भी कहा कि कुछ लोग नाराज हो सकते हैं कि 5 वर्ष के बच्चे (रामलला) को जगाकर रखा हुआ है.
26 जनवरी के बाद कैसे फायदे में रहेंगे?
दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में भक्तों का हुजूम उमड़ने वाला है. ऐसे में आपको रहने-खाने की दिक्कत हो सकती है. 22 जनवरी को अयोध्या के सारे होटल और गेस्ट हाउस फुल चल रहे हैं. अयोध्या में उस दिन पैर रखने की भी जगह नहीं होगी. इसके अलावा, उस दिन सभी भक्त रामलला का दर्शन कर लेंगे, यह संभव भी नहीं दिख रहा. इसके साथ ही पीएम मोदी की मौजूदगी की वजह से वह पूरा इलाका वीआईपी जोन होगा, ऐसे में आप आराम से सामान्य दिनों की तरह अयोध्या दर्शन भी नहीं कर पाएंगे. मगर 22 जनवरी के बाद वाले दिनों में उस दिन की तुलना में कम भीड़ रहेगी. 26 जनवरी के बाद से आपको उचित रेट में होटल भी मिल जाएंगे और आप रात 12 बजे तक रामलला का दर्शन भी कर पाएंगे.
रामलला की मूर्ति कैसी है?
उन्होंने मंदिर और मूर्तियों की जानकारी देते हुए कहा कि रामलला की तीनों मूर्तियां ट्रस्ट के पास रहेंगी और तीनों मूर्तियों का समुचित सम्मान होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने रामलला की मूर्ति को लेकर कहा कि 16 जनवरी से पूजा शुरू होगी और रामलला की मूर्ति 18 जनवरी को गर्भ गृह में अपने आसान पर विराजमान हो जाएगी. हालांकि, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी. उन्होंने मूर्ति के बारे में कहा कि मूर्ति श्यामल रंग की है और इसका वजन लगभग डेढ़ टन है. उन्होंने कहा कि रामलला की मूर्ति भगवान विष्णु के अवतार 5 वर्षीय रामलला की मूर्ति है, जिसमें देवत्व भी है और बालरूप भी.
पीएम मोदी ने की थी 22 जनवरी को न आने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को अयोध्या की पावन धरती से लोगों से अपील की थी कि 22 जनवरी को अयोध्या न आएं. अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के दौरान पीएम मोदी ने लोगों से भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा पर 22 जनवरी को अयोध्या न आने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि मेरी सभी देशवासियों से एक करबद्ध प्रार्थना और भी है. हर किसी की इच्छा है कि 22 जनवरी को होने वाले आयोजन का साक्षी बनने के लिए वे स्वयं अयोध्या आएं. आप भी जानते हैं कि हर किसी का आना संभव नहीं है. अयोध्या में सबका पहुंचना बहुत मुश्किल है. और, इसलिए सभी राम भक्तों को, विशेषकर उत्तर प्रदेश के राम भक्तों को, मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि 22 जनवरी को एक बार विधि पूर्वक कार्यक्रम हो जाने के बाद, 23 तारीख के बाद अपनी सुविधा के अनुसार वे अयोध्या आएं. अयोध्या आने का मन 22 तारीख को न बनाएं. प्रभू श्रीराम आ रहे हैं, तो हम उनके दर्शनों के लिए इंतजार करें. 550 साल इंतजार किया है, कुछ दिन और इंतजार कीजिए. इसलिए सुरक्षा के लिहाज से, व्यवस्था के लिहाज से 22 जनवरी को यहां आने से बचिए ‘