बाबा भारती के चेतक की तरह हवा से बात करती है यह ट्रेन, 428 KM के बाद पहला स्टॉपेज, होश उड़ाने वाली है स्पीड
भारतीय रेल देशभर में लगातार अपना विस्तार कर रहा है. सरकार रेलवे सिस्टम को और दुरुस्त करने के लिए लाखों रुपये का निवेश कर रही है. दूर-दराज वाले इलाकों में भी ट्रेन की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. देश के उन हिस्सों में भी पटरियां बिछाई जा रही हैं, जो पहले ट्रेन कनेक्टिविटी के दायरे में नहीं आते थे उन इलाकों को भी रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम चल रहा है. इसके अलावा पहले से मौजूद पटरियों को भी दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सके. भारतीय रेल ने मुख्य मार्गों से गुजरने वाली पटरियों को दुरुस्त कर दिया है. इसके साथ ही इन मार्गों पर ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ चुकी है. पहले जहां ट्रेनों की औसत स्पीड 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा हुआ करती थी, अब वही ट्रेन 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पटरियों पर दौड़ रही है.
दिल्ली-हावड़ा रेल रूट देश के व्यस्ततम रेल मार्ग में से एक है. इसी रेलखंड पर दिल्ली से किऊल तक का रेल रूट भी आता है. दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से दोपहर 1:15 बजे विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन बिहार के भागलपुर के लिए प्रस्थान करती है. कानपुर सेंट्रल तक इस ट्रेन का कोई स्टॉपेज नहीं है. आनंद विहार टर्मिनल से प्रस्थान करते ही विक्रमशिला ट्रेन हवा से बातें करने लगती है. विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन दिल्ली से खुलने के बाद सीधे कानपुर सेंट्रल में ठहरती है. दिल्ली से कानपुर की दूरी 428 किलोमीटर है. इससे पहले इस ट्रेन का कहीं भी स्टॉपेज नहीं है.
कानपुर के बाद सीधे दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन
विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन कानपुर सेंट्रल से प्रस्थान करने के बाद सीधे दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर ठहरती है. कानपुर से मुगलसराय की दूरी 347 किलोमीटर है. इस तरह 775 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान यह प्रीमियम ट्रेन सिर्फ 2 जगहों पर ठहरती है. बता दें कि इस दौरान टुंडला से लेकर प्रयागराज तक बड़े रेलवे जंक्शन हैं, लेकिन यह ट्रेन इन सभी स्टेशनों से रफ्तार के साथ गुजर जाती है. दिल्ली से बिहार जाने वाले यात्रियों को इससे बहुत सुविधा होती है. साथ ही कानपुर और मुगलसराय के निवासियों को भी इसका फायदा मिलता है.