Bad News Review : शाइनिंग पैकेज में वही पुरानी कहानी, विक्की कौशल ने बचा ली फिल्म

5 साल पहले अक्षय कुमार, दिलजीत दोसांझ, करीना कपूर और कियारा आडवाणी की फिल्म ‘गुड न्यूज’ ने हमारा खूब मनोरंजन किया था और वैसे भी मैं मानती हूं कि कॉमेडी फिल्म देखने के इनविटेशन को मना करना घोर पाप है. आज की बिजी और स्ट्रेस से भरी जिंदगी में हंसना बेहद जरूरी है और ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? फिल्म देखकर हंसी नहीं आएगी. इसलिए कॉमेडी फिल्मों को देखने में कोई रिस्क नहीं होता और वैसे भी विक्की कौशल पर पूरा भरोसा भी था. इसलिए ‘बैड न्यूज’ तुरंत देख डाली. ये फिल्म एक लाइन में खत्म हो जाए, इतनी प्रेडिक्टेबल (घिसी पिटी) है, लेकिन विक्की कौशल इस फिल्म को मजेदार बनाते हैं. उनकी एक्टिंग, कॉमेडी टाइमिंग के आगे तो भाभी 2 की तृप्ति डिमरी की बोल्डनेस भी फीकी पड़ जाती है. अब मैं ऐसा क्यों कह रही हूं, ये विस्तार से जान लेते हैं.
कहानी
सलोनी (तृप्ति डिमरी) का सपना है ‘मेराकी स्टार’ शेफ बनने का, कॉन्टिनेंटल डिशेस बनाने वाली इस फैंसी शेफ को चड्ढा चाप फ्रैंचाइजी के अमीरजादे अखिल चड्ढा (विक्की कौशल) से प्यार हो जाता है. अखिल से चट मंगनी पट ब्याह और झट डाइवोर्स के बाद फिर सलोनी की जिंदगी में जेंटलमैन गुरबीर पन्नू (एमी विर्क) की एंट्री होती है. एक ही रात में सलोनी इन दोनों के साथ ‘क्वालिटी टाइम’ बिताती है और फिर प्रेग्नेंट हो जाती है. बच्चे के बाप को लेकर कन्फ्यूज सलोनी अखिल और गुरबीर दोनों को पैटरनिटी टेस्ट करने के लिए कहती हैं और टेस्ट के नतीजे आने पर पता चलता है कि सलोनी की प्रेग्नेंसी ‘हीट्रोपैटर्नल सुपरफेकेंडेशन’ का केस है और अखिल-विक्की दोनों इस बच्चे के बाप हैं. अब आगे सलोनी इन दोनों में से किसके साथ रहने का फैसला लेगी, बच्चे की कस्टडी किसके पास रहेगी ये जानने के लिए आपको थिएटर में जाकर विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की फिल्म ‘बैड न्यूज’ देखनी होगी.

कैसी है ये फिल्म
इस साल ‘लापता लेडीज’, ‘मडगांव एक्सप्रेस’ और ‘मुंज्या’ जैसी कई कॉमेडी फिल्में रिलीज हुई हैं. भले ही ये ‘बैड न्यूज’ की तरह रोमांटिक कॉमेडी फिल्में नहीं थीं लेकिन इन चारों में कॉमेडी का फैक्टर कॉमन है और जितनी मेहनत इन फिल्मों की स्क्रिप्ट पर ली गई है उसके मुकाबले ‘बैड न्यूज’ काफी हल्की लगती है. इस फिल्म के पंचेस विक्की कौशल की वजह से उभरकर आए हैं. ये तो विक्की हैं जो अपनी एक्टिंग से थिएटर में लाफ्टर लेकर आते हैं, वरना तो एमी विर्क और तृप्ति के बीच के कॉमेडी सीन तो बिलकुल भी फनी नहीं लगते. अगर आपने अक्षय-करीना की गुड न्यूज देखी है और काफी उम्मीद लिए आप ये फिल्म देखने जा रहे हैं तो आपके लिए एक बैड न्यूज है, दोनों फिल्मों का आपस में कोई कनेक्शन नहीं है, न ही कंटेंट में न ही क्लास में, बल्कि इस फिल्म को गुड न्यूज का सीक्वल क्यों कहा गया है? ये एक बड़ा सवाल है. वो फिल्म आप परिवार के साथ एन्जॉय कर सकते थे, लेकिन इस फिल्म का फर्स्ट हाफ पेरेंट्स के साथ देखोगे और आप 90s के किड (जो अब किड नहीं रहें) हो, तो पेरेंट्स से छित्तर पड़ना तो तय है.
निर्देशन और राइटिंग
एक्टर से डायरेक्टर बने आनंद तिवारी की ये पहली कमर्शियल थिएटर रिलीज है. उन्होंने इससे पहले प्राइम वीडियो के लिए माधुरी दीक्षित की ‘मजा मां’ का निर्देशन किया था. इस फिल्म का सबसे बड़ा ड्रॉबैक है फिल्म की कमजोर राइटिंग. अब स्क्रिप्ट ही खास न हो तो डायरेक्टर भला क्या ही करें, उन्होंने अपनी तरफ से ईमानदार कोशिश की है. लेकिन ये कोशिश काफी नहीं है. थोड़ा सेक्स, थोड़े पीजे और थोड़ा इमोशनल ड्रामा डालो और फिल्म बनाओ, ये फार्मूला इस फिल्म में अपनाया गया है. लेकिन अब किरण राव और कुणाल खेमू जैसे निर्देशकों ने हमें इस तरह से स्पॉइल किया है कि कॉमेडी फिल्मों को लेकर एक्सपेक्टेशन बहुत बढ़ गई हैं. अब राइटिंग की बात करते हैं, रॉकी और रानी की प्रेम कहानी के डायलॉग लिखने वाली इशिता मोइत्रा ने तरुण डुडेजा के साथ मिलकर इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम किया है.

‘हरकतें तेरी श्रीशांत वाली हो लेकिन इज्जत तुम्हें पूरी धोनी वाली मिलेगी’, ‘तुम्हारा पति तो तुम्हारे लिए दूसरों को पीटता है लेकिन बगलवाला कबीर देखो प्यार प्रीती से करता है और मारता भी उसी को है’ जैसे कुछ चुनिंदा डायलॉग और करण जौहर, विक्की-कटरीना का रेफरेन्स देकर लिखे गए कुछ पर्सनल डायलॉग को छोड़कर बाकी पूरी फिल्म में कुछ ऐसे खास डायलॉग नहीं है जो हमेशा के लिए याद रहें, इससे अच्छा तो ढाई मिनट का स्त्री 2 का ट्रेलर था जो मैंने फिल्म से पहले देखा था, उस ट्रेलर में इससे कई बढ़िया डायलॉग शामिल किए गए थे. कई-कई जगह ऐसे भी लग रहा है कि फिल्म बिना वजह ज्यादा खींची गई है, फर्स्ट हाफ में मुद्दे की बात आते-आते इंटरवल हो जाता है. दमदार विषय और अच्छे एक्टर होने के बावजूद फिल्म को देखने में इतना मजा नहीं आता.
एक्टर
नेशनल क्रश तृप्ति डिमरी के होते हुए विक्की कौशल इस फिल्म के असली स्टार हैं. उन्होंने फिल्म के हर हल्के डायलॉग को मजेदार बनाया है. दिल्ली का अमीरजादा पंजाबी मुंडा वो हमारे सामने इस तरह से पेश करते हैं कि उन्हें देखकर यकीन नहीं होता कि वो कुछ महीने पहले सैम बहादुर बने थें. अपनी बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी से विक्की हमें इस फिल्म से आखिरतक जोड़े रखते हैं. इस फिल्म के ही उनके डायलॉग के साथ कहें तो ‘अखिल चड्ढा सबसे वड्डा’ होने की वजह विक्की कौशल हैं. तृप्ति एक अच्छी एक्ट्रेस हैं. लेकिन सामने जब विक्की कौशल जैसा एक्टर हो तो एक्ट्रेस को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, खासकर इमोशनल सीन में. इससे पहले भी सारा अली खान, फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ के इमोशनल सीन में विक्की के सामने वो नहीं टिक पाई थीं.

तृप्ति और विक्की में कमाल की केमिस्ट्री हैं, लेकिन इमोशनल सीन में खासकर तब जब विक्की, प्रेग्नेंसी की कम्प्लीकेशन में किसे चुनता है ये पता चलने पर होने वाला रियलायजेशन हो, या फिर फैमिली के साथ कन्फ्रन्टेशन सीन, वहां तृप्ति थोड़ी पीछे रह जाती हैं. लेकिन पश्मीना रोशन और शरमीन के मुकाबले तो तृप्ति की 1000 गुना अच्छी है. गुड न्यूज में दिलजीत दोसांझ ने दिल जीत लिया था. यहां भी एमी विर्क अपनी भूमिका को न्याय देते हैं और उनकी एक्टिंग भी अच्छी है.
देखे य न देखें
गोविंदा-अनिल कपूर के साथ जूही चावला की ‘दीवाना मस्ताना’ हो, या फिर अभिषेक बच्चन-जॉन अब्राहम के साथ प्रियंका चोपड़ा की ‘दोस्ताना’, या प्रियंका के साथ अक्षय-सलमान की ‘मुझसे शादी करोगे’, हीरोइन के लिए दो हीरो का आपस में लड़ना हो या फिर कभी उसे खाना खाना खिलाकर, दूसरे के बारे में उसके दिल में शक पैदा करते हुए, दूसरे की नजर चुराकर उसे घुमाने ले जाकर उसके करीब आना हो, ये सारी चीजें हम इससे पहले भी देख चुके हैं, यहां सिर्फ कहानी में प्रेग्नेंसी का तड़का लगाते हुए एक नई सिचुएशन बनाई गई है, लेकिन बाकी सीन वही पुराने हैं जो हम ‘अंदाज अपना अपना’ से देखते आए हैं.

ये तो बात हुई प्रेडिक्टेबल कहानी और वही पुराने सीन की अब फिल्म की डिटेलिंग पर भी बात करते हैं. सोचिए, अगर मिशलीन स्टार का सपना देख रहा शेफ, उनकी डिश को जज करने आए हुए एक्सपर्ट्स को कहें कि खाना दिल की जरूरत होता है, सामने वाला तो उसे इस जवाब पर ही डिसक्वालिफाई कर दे. खाना दिल की जरूरत होता, तो फिर तो उसे देखकर ही ये जरूरत पूरी की जा सकती है, उसे टेस्ट करने की तो कोई आवश्यकता ही नहीं होनी चाहिए. दूसरी बात इस तरह कोई भी एक्सपर्ट तय करके रेस्टोरेंट में नहीं जाता कि वो शेफ को बताकर उनका खाना टेस्ट करें, फिल्म में बताया गया है ‘हीट्रोपैटर्नल सुपरफेकेंडेशन’ के केस में सी-सेक्शन से भी बच्चों का हेल्थ रिस्क बढ़ सकता है. लेकिन कुछ मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे जुड़ी मेडिकल कंडीशन की प्रेग्नेंसी में आमतौर पर सी-सेक्शन ही प्रेफर किया जाता है. हालांकि इस पर ज्यादा बात करेंगे तो स्पॉइलर अलर्ट हो जाएगा, लेकिन ये जानकारी देने का उदेश्य एक ही है कि ऐसे एरर टालने के लिए स्क्रिप्ट की टेक्निकल डिटेलिंग पर भी थोड़ा और ध्यान दिया जा सकता था.
बाकी फिल्म की बात करें तो, विक्की कौशल के लिए फिल्म देखें, नो ब्रेनर कॉमेडी है, गाने भी बहुत अच्छे हैं, हमारा काम ही है फिल्म के बारे में सोचना, लेकिन आप बिना सोचे टाइम पास के लिए फिल्म देख सकते हैं और जैसे की मैंने पहले ही कहा है कि कॉमेडी फिल्में देखने में कोई रिस्क नहीं होता.
फिल्म का नाम : बैड न्यूज
एक्टर्स : विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क
डायरेक्टर : आनंद तिवारी
रिलीज : थिएटर
रेटिंग 3 स्टार्स

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