बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्म श्री अवॉर्ड, संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने का विरोध, पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने जाने के बाद से देश के कई शीर्ष पहलवान नाराज हैं. देश के लिए कई मेडल जीतने वाली महिला पहलवान साथी मलिक ने गुरुवार को चुनाव परिणाम के कुछ ही देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया. इसके एक दिन बाद बजरंग पूनिया ने बजरंग पुनिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटा दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र भी लिखा है. पूनिया ने ट्वीट किया कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं. यह घोषणा करने के लिए यह मेरी चिट्ठी है और यही मेरा बयान है.
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
संजय सिंह के पैनल ने जीते 15 में से 13 सीटें
गुरुवार को कुश्ती महासंघ के परिणाम सामने आए, जिसमें संजय सिंह महासंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए. संजय सिंह के पैनल ने 15 में से 13 पद जीत लिए. संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. साक्षी ने विरोध स्वरूप खेल छोड़ने की घोषणा की. साक्षी ने कहा कि हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन अगर बृज भूषण जैसे व्यक्ति, उनके बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं कुश्ती छोड़ देती हूं. आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे.
साक्षी ने रोते हुए लिया संन्यास
इस घोषणा के समय साक्षी की आंखों में आंसू थे और उन्होंने अपना बूट मेज पर रख दिया. एक दिन बाद बजरंग ने पद्म श्री अवार्ड लौटाने का फैसला किया. पूनिया ने सोशल मीडिया पर एक बड़ी सी चिट्ठी शेयर की. इसमें लिखा कि प्रिय पीएम जी, आशा है कि आपका स्वास्थ्य ठीक होगा. आप कई कामों में व्यस्त होंगे लेकिन मैं देश के पहलवानों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह लिख रहा हूं. आप जानते होंगे कि देश की महिला पहलवानों ने जनवरी में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था इस साल बृष भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया. मैं भी उनके विरोध में शामिल हुई. सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई का वादा करने के बाद विरोध बंद हो गया.
महिला पहलवानों के अपमान का उठाया मुद्दा
पूनिया ने आगे लिखा कि लेकिन तीन महीने बाद भी बृजभूषण के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं हुई. हम अप्रैल में फिर से सड़कों पर उतरे ताकि पुलिस कम से कम उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करे. जनवरी में 19 शिकायतकर्ता थे लेकिन अप्रैल तक यह संख्या घटकर 7 रह गई. इसका मतलब है कि बृज भूषण ने 12 महिला पहलवानों पर अपना प्रभाव डाला. पूनिया ने अपने पत्र में और भी बातों का उल्लेख किया और अंत में पद्म श्री पुरस्कार लौटाने की बात लिखी.