Paytm पर बैन ने सिखाया सबक, आईटी मंत्री बोले- ‘देसी-विदेशी…छोटी-बड़ी, कानून से बड़ी कोई कंपनी नहीं’

पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैन लगा चुका है. भले उसे अब 15 मार्च तक मोहलत मिल गई है, लेकिन उसकी कई सारी सर्विस बंद होंगी, इसे लेकर आरबीआई पूर्ण स्पष्टीकरण दे चुका है. अब देश के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस पर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई ने फिनटेक कंपनियों का ध्यान कानून के पालन की जरूरत की ओर खींचा कहा है.

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि रेग्युलेटरी नियमों का पालन करना कंपनियों के लिए ‘ऑप्शनल’ नहीं हो सकता है. बल्कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर हम बिजनेसमैन और एंटरप्रेन्योर को पूरा ध्यान देना चाहिए.

देसी-विदेशी…छोटी-बड़ी, कानून से बड़ी कोई कंपनी नहीं

एजेंसी की खबर के मुताबिक राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ” पेटीएम पेमेंट्स बैंक का मुद्दा एक ऐसा मामला है जहां एक तेजी से आगे बढ़ता बिजनेसमैन ने रेग्युलेटरी नियमों के पालन की जरूरत को महसूस करने में विफल रहा है, लेकिन कोई भी कंपनी कानून से बच नहीं सकती है. कोई भी कंपनी, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा.

पेटीएम को मिली है 15 मार्च तक की मोहलत

भारतीय रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल को पहले 29 फरवरी के बाद से नई जमा राशि स्वीकार करने से रोक दिया था. अब उसे 15 मार्च तक मोहलत मिल गई है. आरबीआई ने कंपनी के खिलाफ अपनी कार्रवाई की किसी भी समीक्षा से इनकार कर दिया है. साथ ही पेटीएम पर बैन से जुड़े तमाम वालों के जवाब के लिए एक FAQs भी जारी किया है.

पेटीएम पर बैन फिनटेक कंपनियों को ‘परेशान करना नहीं’

राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि पेटीएम पर आरबीआई के बैन की व्याख्या इस तरह करना कि इसने फिनटेक क्षेत्र को परेशान कर दिया है, इसका सही चित्रण नहीं है. पेटीएम बैंक के मुद्दे ने पूरे फिनटेक उद्योग के लिए चिंताएं बढ़ा दी है, इससे सब सहमत नहीं है. उन्होंने कहा, ” मुझे लगता है कि इसने फिनटेक कारोबार करने वालों का ध्यान इस फैक्ट की ओर खींचा है कि वो ये जानें कि कानून का पालन कैसे करना है. दुनिया के किसी भी देश के लिए कानून का पालन ‘ऑप्शनल’ नहीं हो सकता है. निश्चित रूप से भारत में ऐसा नहीं है और उद्यमियों को इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.”

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