BCCI के लिए मेगा ऑक्शन कराना हुआ मुश्किल, नहीं मिल रही जगह, जानें क्या है वजह?
आईपीएल 2025 का मेगा ऑक्शन इस साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में कराए जाने का अनुमान है. इसके लिए बीसीसीआई की ओर से नए नियमों को भी जारी किया जा चुका है. इस बीच खिलाड़ियों की निलामी के लिए दो दिनों तक चलने वाले मेगा ऑक्शन से पहले बोर्ड के सामने एक नई समस्या आ खड़ी हुई है. दरअसल, इस इवेंट के लिए बीसीसीआई को जगह ढूंढ़ने में दिक्कत आ रही है. अभी तक कोई भी वेन्यू तय नहीं किया जा सका है. हालांकि, बोर्ड के निशाने पर सऊदी अरब के दो शहर जरूर हैं.
बोर्ड के सामने क्या है चैलेंज?
2023 में आईपीएल का पिछला ऑक्शन दुबई में आयोजित हुआ था. लेकिन बीसीसीआई इस समय सऊदी अरब के रियाद या जेद्दा में से किसी एक शहर में मेगा ऑक्शन आयोजित करने की सोच रही है. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों शहरों में कोई वेन्यू ढूंढना एक चैलेंज बन गया है. ऐसा माना जा रहा है कि दुबई के मुकाबले में सऊदी काफी महंगा पड़ रहा है. हालांकि, दुनिया की सबसे अमीर लीग माने जाने वाली आईपीएल और सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई के लिए वेन्यू की कीमत को लेकर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. अगर रियाद या जेद्दा में कोई वेन्यू फाइनल नहीं किया जा सका तो ऑक्शन फिर से दुबई में देखने को मिल सकता है.
बीसीसीआई ने आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन के लिए पहले लंदन को शॉर्टलिस्ट किया था. लेकिन नवंबर में वहां मौसम काफी ठंड होता है, जो एक बड़ा चैलेंज बन सकता है. इसलिए आईपीएल के अधिकारियों ने उसे लिस्ट से हटा दिया है और अब एक ऐसे वेन्यू की तलाश में है जहां, दो दिनों के ऑक्शन की मेजबानी आसानी से की जा सके. साथ ही वहां पर आईपीएल के सभी अधिकारी, फ्रैंचाइजी की डेलिगेशन के साथ-साथ ब्रॉडकास्टर्स से जुड़े लोगों के लिए भी जगह की क्षमता भी हो.
मेगा ऑक्शन से पहले कई बड़े बदलाव
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने शनिवार 28 सितंबर को मेगा ऑक्शन के नियमों में कई बड़े बदलाव किए थे. रिटेंशन की संख्या को बढ़ाते हुए 4 से 6 कर दिया था. साथ ही सबसे चर्चित अनकैप्ड प्लेयर रुल की भी वापसी हुई थी. ऑक्शन में राइट टू मैच कार्ड की भी वापसी देखने को मिली थी. राइट टू मैच कार्ड के इस्तेमाल करने के नियम में भी बदलाव करते हुए, सबसे बड़ी बोली लगाने वाली फ्रैंचाइजी को बोली बढ़ाने का आखिरी मौका देने की बात कही गई थी. इसे लेकर कई फ्रैंचाइजी ने हाल ही में बीसीसीआई से शिकायत भी की है. इतना ही नहीं पहली बार खिलाड़ियों के लिए मैच फीस की भी शुरुआत की गई है. इसके अलावा ऑक्शन पर्स और कुल सैलरी कैप को बढ़ाया गया. वहीं तमाम विवादों के बावजूद BCCI ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम को बरकरार रखा.