प्राण प्रतिष्ठा से पहले नासिक में कालाराम मंदिर में PM मोदी ने की पूजा, जानें यहां की खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में हैं. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले नासिक में पीएम मोदी ने आज पौराणिक रूप से अहम माने जाने वाले गोदावरी पंचवटी क्षेत्र में स्थित श्री कालाराम मंदिर का भी दौरा किया. साथ ही प्रधानमंत्री ने गोदावरी नदी किनारे स्थित रामकुंड में पूजा-अर्चना भी की. इसके अलावा उन्होंने नासिक में रोड शो भी किया.

रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि इससे जुड़ी कई अहम घटनाएं यहीं पर घटी थीं. भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान पंचवटी क्षेत्र में स्थित दंडकारण्य वन में कुछ साल गुजारे थे. पंचवटी नाम का मतलब है कि 5 बरगद के पेड़ों की धरती. ऐसी किंवदंती भी है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया बनाई थी क्योंकि 5 बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को शुभ बना दिया था.

PM मोदी ने सुना ‘युद्ध कांड’

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह से ठीक 10 दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी का इस स्थान पर आना खास महत्व रखता है क्योंकि भगवान राम के जीवन में इसका बहुत महत्व है. मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने रामायण महाकाव्य भव्य कथा सुनी, खासतौर से ‘युद्ध कांड’ खंड, जिसमें भगवान राम की अयोध्या वापसी को दर्शाया गया है.

खास बात यह रही कि आज यहां पर परंपरा और तकनीक का अद्भुत संगम हुआ. रामायण महाकाव्य की प्रस्तुती मराठी भाषा में की गई जबकि पीएम मोदी ने एआई ट्रांसलेशन के जरिए हिंदी भाषा में इसे सुना.

श्री कालाराम मंदिर की अपनी विशिष्ट पौराणिक और ऐतिहासिक गाथाएं भी हैं. एक जमाने में इस मंदिर पर दलितों की एंट्री बैन हुआ करती थी और इस प्रतिबंध के खिलाफ डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भी लगातार मुखर रहे और लंबे समय तक प्रयास किया. फिर हजारों दलितों को इस मंदिर में प्रवेश दिलाकर प्रायश्चित कराया गया था. तब दलितों की मंदिर में एंट्री संभव हो सकी थी.

कई प्रोजेक्ट्स का भी करेंगे उद्घाटन

नासिक में काला मंदिर के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया और फिर महाराष्ट्र में 30,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे. सरकारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री शहरी परिवहन अवसंरचना और संपर्क को मजबूत बनाए जाने तथा लोगों की सुगमता के लिए मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का उद्घाटन करेंगे, जिसे अब अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु नाम दिया गया है. इस सेतु को 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत में तैयार किया गया है.

पीएम मोदी ने दिसंबर, 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी. यह भारत का सबसे लंबा पुल के साथ-साथ सबसे लंबा समुद्री पुल भी है. पुल की लंबाई करीब 21.8 किलोमीटर है और यह छह लेन का है. जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर करीब 16.5 किलोमीटर और जमीन पर करीब 5.5 किलोमीटर है.सेतु के शुरू हो जाने से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच सीधा संपर्क हो जाएगा. साथ ही मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा. यही नहीं सेतु के खुलने से मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क और बेहतर हो जाएगी.

इसके अलावा नवी मुंबई में आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ईस्टर्न फ्रीवेज ऑरेंज गेट को मरीन ड्राइव से जोड़ने वाली सड़क सुरंग की आधारशिला भी रखेंगे. यह 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली 9.2 किलोमीटर लंबी होगी. साथ ही पीएम मोदी रेल समेत कई अन्य अहम परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे

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