पहले आईपीएल से संन्यास, उसके बाद तक खेले रणजी, आज के खिलाड़ियों को सचिन तेंदुलकर से सीखना चाहिए
आईपीएल आने के बाद से भारतीय टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट से दूर ही रहते हैं। शायद ही किसी को याद हो कि विराट कोहली या रोहित शर्मा ने आखिरी बार रणजी ट्रॉफी में कब खेला था। महेंद्र सिंह धोनी समेत कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट तो छोड़ चुके हैं लेकिन आईपीएल में खेलते हैं। लेकिन अब बीसीसीआई एक्शन में है। रणजी में नहीं खेलने की वजह से ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया है। इन युवा खिलाड़ियों को सचिन तेंदुलकर से सीखना चाहिए।
रणजी से पहले आईपीएल से संन्यास
सचिन तेंदुलकर शायद एकमात्र क्रिकेटर हैं, जो आईपीएल से संन्यास लेने के बाद भी रणजी ट्रॉफी और इंटरनेशनल क्रिकेट में खेले हैं। आईपीएल 2013 सीजन खत्म होने ही सचिन ने घोषणा कर दी थी कि अब वह लीग में नहीं खेलेंगे। उसी साल सितंबर अक्टूबर में सचिन चैंपियंस लीग में उतरे। फिर वह हरियाणा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में उतरे। मैच की आखिरी पारी में नाबाद अर्धशतक लगाकार सचिन ने मुंबई को जीत दिलाई थी।
टेस्ट से सबसे अंत में संन्यास
वनडे, आईपीएल, चैंपियंस लीग और रणजी ट्रॉफी के बाद सचिन ने सबसे अंत में टेस्ट मैच खेला। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में अपना आखिरी मुकाबला खेला था। टेस्ट से संन्यास के बाद सचिन किसी लीग में नहीं खेले। पिछले कुछ सालों में जरूर और चैरिटी मैच या टूर्नामेंट में खेलते नजर आए हैं। युवा खिलाड़ियों सचिन को अपना आदर्श तो बताते हैं लेकिन उनके जैसे बनने की कोशिश नहीं करते।
घरेलू क्रिकेट खेलने का नहीं छोड़ते थे मौका
सचिन तेंदुलकर कभी भी रणजी ट्रॉफी या घरेलू क्रिकेट खेलने का मौका नहीं चूकते थे। 2018 में आईपीएल की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से संन्यास तक सचिन ने 6 रणजी ट्रॉफी मैच खेले। 2012-13 के ईरानी कप में भी वह मुंबई के लिए खेले थे। दूसरी तरफ विराट कोहली ने 2012 के बाद कोई रणजी मैच नहीं खेला है। रोहित 2015 के बाद रणजी में नहीं उतरे हैं।