डायनासोर के भी पहले के जमाने का था ये ‘ड्रैगन’, महासागरों में करता था राज, सांप की तरह थी गर्दन!
नई खोज में वैज्ञानिकों के एक बार फिर बहुतही अनोखे जानवर का जीवाश्म मिला है. 5 मीटर लंबे इस समुद्री जानवर के जीवाश्म की खास बात यह है कि ट्रियासिक युग का होने के बावजूद यह पूरी तरह से संरक्षित है और आज के तो क्या डायनसोर के युग के किसी जानवर से भी मेल नहीं खाता है. ड्रैगन की तरह दिखने वाला इस समुद्री जानवर की गर्दन बिलकुल किसी सांप की तरह थी.
वैज्ञानिकों जो इतना संरक्षित जीवाश्म मिला है वह 2.4 करोड़ साल पहले का है जिसे वैज्ञानिक ड्रैगन कह रहे हैं. जिनेसेफालोसॉरस ओएंटालिस नाम की प्रजाति के जानवर का यह जीवाश्म सबसे पहले 2003 में दिखा था, लेकिन इसकी गर्दन असमान्य रूप से बहुत ही ज्यादा लंबी थी.यह उन चुनिंदा जीवाश्मों से है जिसके विश्लेषण की इजाजत वैज्ञानिकों को दे दी गई है.
यह जीवाश्म दक्षिण चीन के गुइझोऊ प्रांत में में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम को मिला था और बाद में यह स्कॉटलैंड के नेशनल म्यूजियम में रख दिया गया है. वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन कर पाया कि इसकी गर्दन इसके बाकी शरीर और पूंछ को मिला कर भी ज्यादा लंबी है जो आसानी से मुड़ सकती थी जिससे उसे शिकार करने में बहुत फायदा मिलता रहा होगा.वैज्ञानिकों का कहना है कि हमेशा की तरह इस बार ट्रियासिक जानवर के जीवाश्म ने चौकाया है. उनका कहन है की यह जानवर टायनास्ट्रियस हाइड्रॉइड्स की तरह दिखने वाला जानवर है जो खुद भी एक मध्य ट्रियासिक युग का जानवर है. दोनों ही जानवर आकार में, यहां तक कि खुराक तक में भी एक समान हैं. लेकिन डिनेसेफालोसॉरस की गर्दन में रीढ़ अधिक है और इसी वजह से ये सांप की तरह ज्यादा दिखाई देता था. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है इस तरह का जानवर डायनसोर के युग में भी में भी कभी नहीं देखा गया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सरीसृप जानवर महासागरीय जीवनशैली के अनुकूल रहा करता था इसके जीवाश्म के पेट वाले हिस्से में मछलियों के भी जीवाश्म मिले है. इसकी जानकारी शोधकर्ताओं ने अर्थ एंड एनवायर्नमेंटल साइंस: ट्रांजेक्शन ऑफ द रॉयल सोसाइटी ऑफ एडिनबर्ग में प्रकाशित हुआ है.