सावधान: बेटे के रोने की आवाज सुनकर ठगी का शिकार न हो जाना, ठगों का ये है नया तरीका
ठगी करने वाले लोगों को जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसा ही एक पैंतरे से अब लोगों को ठगी के जाल में फंसाया जा रहा है। इन ठगों से बचने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक भी कर रही है। आपका बेटा हमारे कब्जे में है। सलामती चाहते हो तो रुपयों का इंतजाम कर लो। विश्वास नहीं है तो आवाज भी सुन लो… व्हाट्सएप पर आई इस तरह का कॉल आपकी धड़कन बढ़ा सकती है। मगर, यह कॉल इन दिनों साइबर ठग कर रहे हैं।
आगरा जोन में दो लोगों को बेटों के अपहरण का भय दिखाकर खातों में रकम जमा करा ली गई। ये मामले पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस लोगों से यही कह रही है कि इस तरह के कॉल आने पर घबराएं नहीं। रुपये जमा करने से पहले सोच ले। पुलिस की सहायता लें।
केस : 1
सिकंदरा के ऋषि पुरम निवासी उमेश के साथ धोखाधड़ी की गई थी। वह आयकर विभाग में कार्यरत हैं। बेटा मुरादनगर में पढ़ता है। उमेश के पास कॉल आया था। कॉल करने वाले ने दरोगा बताते कहा था कि बेटा चार दोस्तों के साथ एक लड़की के अपहरण के मामले में फंस गया है। आवाज सुनाकर फोन काट दिया था। इसके बाद खाते में 1.20 लाख रुपये जमा करा लिए थे।
केस : 2
कासगंज के गांधी नगर निवासी नगर संघ चालक राकेश पाराशर के साथ 18 लाख की ठगी की गई थी। बेटा दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है। उन्हें व्हाट्सएप काल किया गया। बेटे के रोने की आवाज आई। पापा मुझे बचा लो सुनाई दिया। इसके बाद उनसे रकम की मांग की गई। उनसे 6 बार में 18 लाख रुपये खाते में जमा करा लिए गए। बाद में उन्हें धोखाधड़ी का पता चला।
पहले पता करें, पुलिस की सहायता लें
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि साइबर ठग रोजाना नए नए तरीके अपना कर ठगी का शिकार बना रहे हैं। डाटा चोरी करके लोगों को कॉल करते हैं। इसलिए अनजान नंबर से आने वाले कॉल रिसीव करने से बचें। व्हाट्सएप पर कॉल कर कोई परिजन के अपहरण की बात करता है तो विश्वास नहीं करना चाहिए। पुलिस को जानकारी देनी चाहिए। पहले यह पता कर लें कि जिसके अपहरण की बात कही जा रही है, वो कहां है। उन्हें कॉल करके बात कर लें। अगर, कॉल नहीं लग रहा है तो कुछ देर इंतजार भी कर सकते हैं। इस तरह के मामलों में साइबर सेल जांच करती है। नंबर से आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जाती है।