BH सीरीज में गाड़ी का हर दो साल में कराना होता है रजिस्ट्रेशन? जानिए क्या कहते हैं नियम

BH (भारत) सीरीज वाहन पंजीकरण एक नई प्रणाली है जिसे भारतीय सरकार ने अंतर-राज्यीय वाहन उपयोग को आसान बनाने के लिए पेश किया है. BH सीरीज नंबर प्लेट का उद्देश्य उन लोगों की सहायता करना है जो अक्सर विभिन्न राज्यों में स्थानांतरित होते रहते हैं.

BH सीरीज का यूज ज्यादातर केंद्रीय सरकार के कर्मचारी, रक्षा कर्मी, और निजी क्षेत्र के कर्मचारी जो विभिन्न राज्यों में तैनात होते हैं वे करते हैं. BH सीरीज के तहत गाड़ी का पंजीकरण हर दो साल में रिन्यू करवाना आवश्यक है. यहां BH सीरीज रजिस्ट्रेशन के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी बता रहे हैं.
BH सीरीज रजिस्ट्रेशन के नियम
BH सीरीज के लिए रजिस्ट्रेशन वाहन की खरीद के समय किया जाता है. इसके लिए वाहन मालिक को वाहन विक्रेता के माध्यम से BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन करना होता है. प्रारंभिक रजिस्ट्रेशन के समय वाहन मालिक को रोड टैक्स का भुगतान दो साल के लिए करना होता है.
हर दो साल में कराना होता है BH नंबर रिन्यू
BH सीरीज के तहत पंजीकृत वाहन के मालिक को हर दो साल बाद अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना होता है. इसके लिए संबंधित राज्य के परिवहन विभाग में आवेदन करना होता है, और दो साल की अवधि के लिए फिर से रोड टैक्स का भुगतान करना होता है.

BH सीरीज के तहत रोड टैक्स दो साल के लिए एकमुश्त जमा किया जाता है. यह राशि वाहन की कीमत और इंजन क्षमता के आधार पर निर्धारित होती है. दो साल बाद रिन्यूअल के समय फिर से दो साल की अवधि के लिए रोड टैक्स जमा करना होगा.
BH नंबर सीरीज का फायदा
BH सीरीज नंबर प्लेट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वाहन मालिक को नए राज्य में शिफ्ट होने पर वाहन का फिर से पंजीकरण नहीं कराना पड़ता. BH सीरीज नंबर प्लेट सभी राज्यों में मान्य होती है. BH सीरीज रजिस्ट्रेशन के लिए पात्रता उन्हीं व्यक्तियों को है जो केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, रक्षा सेवाओं, और कुछ निजी क्षेत्रों में काम करते हैं और उनकी नौकरी में ट्रांसफर पॉलिसी होनी चाहिए.

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