Bharat NCAP Sticker: कितनी सेफ है कार? गाड़ी पर लगा ये स्टिकर खोल देगा गाड़ी की पोल
गाड़ी की मजबूती का पता लगाने के लिए एक ही तरीका है और वो है क्रैश टेस्टिंग, जब तक भारत में Bharat NCAP को नहीं लाया गया था तब तक Global NCAP एजेंसी ही गाड़ियों की टेस्टिंग करने के बाद उन्हें सेफ्टी के आधार पर रेटिंग देती थी. Bharat NCAP ने अब हाल ही में सेफ्टी रेटिंग स्टीकर को लॉन्च किया है, ये स्टीकर हर उस कार पर लगाया जाएगा जिसकी क्रैश टेस्टिंग BNCAP द्वारा की जाएगी.
क्रैश टेस्टिंग की गई गाड़ियों को सेफ्टी के लिए कितनी रेटिंग दी गई है, अब लोगों तक इस बात की जानकारी बहुत ही आसानी से पहुंच जाएगी. अब आप भी पूछेंगे कि वो कैसे, गाड़ी पर लगा ये सेफ्टी स्टीकर गाड़ी की पूरी पोल खोलकर रख देगा.
Bharat NCAP Safety Rating Sticker
भारत NCAP की तरफ से उन गाड़ियों के लिए ऑटो कंपनियों को क्यूआर कोड स्टिकर्स भेजे जाएंगे जिनकी क्रैश टेस्टिंग की गई है. इस स्टीकर पर BNCAP का लोगो, क्यूआर कोड, सेफ्टी स्टार रेटिंग (एडल्ट और चाइल्ड), गाड़ी का नाम और टेस्टिंग मंथ और ईयर जैसी जानकारी मिलेगी.इस स्टीकर पर लगे क्यूआर कोड को अगर कोई व्यक्ति स्कैन करेगा तो उस व्यक्ति के सामने कार की कॉम्प्रिहेंसिव डिटेल खुलकर आ जाएगी.
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Bharat NCAP Results
अब तक टाटा मोटर्स की टाटा सफारी, टाटा नेक्सॉन ईवी, टाटा हैरियर और टाटा पंच ईवी की क्रैश टेस्टिंग की जा चुकी है. क्रैश टेस्टिंग के आधार पर इन सभी मॉडल्स को चाइल्ड और एडल्ट सेफ्टी के मामले में 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है.
क्रैश टेस्टिंग के दौरान गाड़ी को एक तय स्पीड पर दौड़ाया जाता है और फिर ये कार ऑब्जेक्ट से टकराती है. टेस्टिंग के लिए कार में चार से पांच डमी को रखा जाता है, रियर सीट पर बच्चे का भी डमी रखा जाता है. टेस्टिंग के बाद अलग-अलग चीजों पर गौर किया जाता है जैसे कि डमी कितने डैमेज हुए, एयरबैग्स खुले या नहीं आदि और फिर इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए गाड़ी को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है.