बॉलीवुड की महाफ्लॉप मूवी, जिसने कर्ज में डुबो दी थी पूरी इंडस्ट्री, भाषा पर उठा था विवाद, दुखी होकर डायरेक्टर ने…

भारतीय सिनेमा में ऐतिहासिक शख्सियतों पर फिल्में बनाने का चलन काफी पुराना है. ‘मुगल-ए-आजम’ और ‘बाहुबली’ जैसी कई फिल्मों ने भारतीय सिनेमा पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है. ऐसी ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही हैं, लेकिन इनमें से एक बहुत बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी, जिसे बॉलीवुड के इतिहास की सबसे बड़ी डिजास्टर कहा जाता है. फिल्म ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को तबाही के कगार तक पहुंचा दिया था.

कमाल अमरोही ने ‘पाकीजा’ और ‘महल’ जैसी नायाब फिल्में बनाई थीं, जिसने हिंदी सिनेमा में नया ट्रेंड शुरू किया था. डायरेक्टर ने पाकीजा की रिलीज के बाद दिल्ली सल्तनत की पहली महिला शासक- रजिया सुल्तान पर फिल्म बनाना शुरू किया. फिल्म पर काम 1975 में शुरू हुआ था. फिल्म काफी बदलावों के बाद 1983 में रिलीज हुई, जिसमें हेमा मालिनी और धर्मेंद्र लीड रोल में हैं.

रजिया सुल्तान’ तब 10 करोड़ रुपये के बजट में बनी थी, जिसे अगर 2023 में बनाते, तो इसमें 200 करोड़ रुपये का खर्च आता. यह फिल्म उस दौर की सबसे महंगी फिल्म है, हालांकि बॉक्स ऑफिस पर इसका बुरा हाल हुआ. फिल्म ने दुनियाभर से 2 करोड़ रुपये ही कमाए ।

लोगों ने फिल्म ‘रजिया सुल्तान’ में जटिल उर्दू का इस्तेमाल होने की शिकायत की, जिसकी कहानी धीमी रफ्तार से आगे बढ़ती है. फिल्म के डिजास्टर होने के बाद कई फाइनेंसरों, डिस्ट्रिब्यूटरों और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ था. फिल्म का बजट इतना था कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा तबका नुकसान में आ गया था.

‘रजिया सुल्तान’ पर ट्रेड मैग्जीन ने एक लेख छापा था, जिसमें दावा किया था कि फिल्म के चलते पूरी फिल्म इंडस्ट्री कर्ज में डूब गई थी, हालांकि डायरेक्टर कमाल अमरोही ने इसके जवाब में कहा कि जितना भी नुकसान हुआ है, उसके लिए वह जिम्मेदार हैं, फिल्म निर्माता नहीं. फिल्म के प्रोडक्शन में लंबा समय लगा, जिसका मतलब है कि इसने कई सालों तक सैंकड़ों तकनीशियों को नौकरी दी ।

कमाल अमरोही हमेशा ‘रजिया सुल्तान’ के पक्ष में बोले. उन्होंने कहा कि फिल्म को गलत समझा गया और आलोचक इसे इसलिए पचा नहीं पाए, क्योंकि यह एक मसाला फिल्म नहीं थी. हालांकि, उन्हें आर्थिक तौर पर भारी नुकसान झेलना पड़ा था.

कमाल अमरोही काफी वक्त तक सिनेमा से दूर रहे. उन्होंने फिल्म ‘आखिरी मुगल’ पर काम करना शुरू किया, जो बहादुर शाह जफर की बायोपिक थी, हालांकि साल 1993 में उनके निधन के बाद स्क्रिप्ट कहीं खो गई और ‘रजिया सुल्तान’ उनकी आखिरी फिल्म साबित हुई ।

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