Bihar Politics: बिहार में सरकार बनते ही मांझी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स, दो मंत्री पद की मांग को लेकर राजनीति शुरू

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने मंत्रिमंडल विस्तार में एक और मंत्री का दावा ठोक दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए वो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कोटे से एक और मंत्री चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास चार विधायक हैं। एनडीए गठबंधन में एक निर्दलीय विधायक को मंत्री बनाया गया है और उसे मनचाहा विभाग दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी दावेदारी दो मंत्रियों की तो बनती ही है। जीतन राम मांझी ने कहा कि मेरी इस विषय पर गृह मंत्री अमित शाह और नीतीश कुमार और नित्यानंद राय सहित अन्य नेताओं से हो चुकी है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ये इच्छा गृहमंत्री को बताई है। हालांकि, उन्होंने इसे मुश्किल कहा।

मांझी ने रखी अपनी मांग

जीतन राम मांझी का मानना है कि अमित शाह चाहें, तो ऐसा हो सकता है। मांझी ने अपने चार विधायकों के बल पर एक बार फिर से बीजेपी पर दबाव बनाने की शुरू कर दी है। उन्होंने कहा है कि एक और विधायक को मंत्री बनाया जाए। उन्होंने कहा कि उनके विधायक अनिल कुमार सिंह को मंत्री बनाया जाना चाहिए। मांझी ने सामाजिक न्याय की दुहाई देते हुए अपनी बात मीडिया के सामने रखी। मांझी ने महागठबंधन से हुए सौदे का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का ऑफर मिला था। मांझी ने एनडीए गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि हमने सीएम पद का ऑफर ठुकरा दिया। हमने जो कमिटमेंट कर दिया। उसी पर हम कायम हैं।

पैसे से नहीं तौला जा सकता

मांझी ने आगे बातचीत में कहा कि उन्हें पैसे और पद से तौला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि मैं पैसे और पद के लिए एनडीए में नहीं हूं। मेरा सम्मान एनडीए में होना चाहिए। मुझे दो मंत्रालय नहीं मिलता है, तो मेरे साथ ये अन्याय होगा। ध्यान रहे कि बिहार में राजनीतिक उठापटक के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार का गठन हो चुका है। मंत्रिमंडल विस्तार पर भी सहमति बन चुकी है। इस बीच जीतन राम मांझी की ओर से मांग की गई है कि उनके कोटे से दो विधायकों को मंत्री बनाया जाए। हालांकि, जीतन राम मांझी यूं ही अपनी मांग रखते हैं। देखना ये होगा कि उनका अगला कदम क्या होता है।

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