UPSC में बिहारियों का नहीं दिखा जलवा, टॉप टेन में कोई नहीं, टॉप 20 में केवल एक

टना. यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को जारी हो गया. इस बार कुल 1016 अभ्यर्थी पास हुए हैं. इनमें 664 पुरुष और 352 महिला अभ्यर्थी सफल हुए हैं. लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने इस बार टॉप पोजीशन हासिल किया है.

फिलहाल आदित्य आईपीएस हैं और हैदराबाद में उनकी ट्रेनिंग चल रही है. टॉप फाइव में से तीन आईपीएस हैं और हैदराबाद में एक साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं. बीते 11 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब सिविल सर्विसेज में रहते किसी आईपीएस ने ऑल इंडिया पहले रैंक हासिल की है. पिछले सालों के रिजल्ट पर अगर एक नजर डालें तो टॉप टेन में बिहार ने हमेशा परचम लहराया है. यह पहला मौका है जब टॉप टेन में बिहार के किसी अभ्यर्थी को सफलता नहीं मिली है. इसको लेकर शिक्षाविद मंथन कर रहे हैं.

हालांकि, यह अलग बात है कि टॉप 20 में बिहार के अभ्यर्थी जरूर सफल रहे. 19वें नंबर पर शिवम कुमार हैं जो समस्तीपुर के रहने वाले हैं. 23वीं रैंक गोपालगंज के सौरभ शर्मा हैं. 34वें नंबर पर जुफिशा हक है, जबकि 49 में रैंक पर औरंगाबाद के वीरूपाक्ष विक्रम सिंह ने अपना परचम लहराया है. 69वीं रैंक पर फुलवारी शरीफ की प्रिया रानी है. पटना के सिद्धांत कुमार ने 114वीं रैंक प्राप्त की है. ओबरा प्रखंड के डॉ प्रेम कुमार ने 130वीं रैंक प्राप्त की. दरभंगा के नितेश कुमार मिश्रा को158वीं रैंक और बांका के अपूर्व आनंद को 163वीं रैंक मिली है.

रैंकिंग में भी बिहार के छात्रों का निराशजनक प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर के साएम राजा को यूपीएससी में 188वीं रैंक मिली. गोपालगंज के अनिकेत दुबे ने 226वीं रैंक हासिल की और आईपीएस बने हैं. सारण जिले के अजय यादव ने 290वीं रैंक प्राप्त की है. जहानाबाद के अनुभव को 309वीं रैंक प्राप्त हुई है. मोनिका श्रीवास्तव को 455वीं रैंक प्राप्त हुई है. मुजफ्फरपुर के राहुल कुमार को 504वीं रैंक जबकि रक्सौल के रानू गुप्ता को 536वीं रैंक प्राप्त हुआ है. नरकटियागंज के शहंशाह सिद्दीकी को 762वीं रैंक मिली है.

विषयों के चयन में गड़बड़ी हो सकती है वजह
बिहार के लिहाज से देखा जाए तो यह रिजल्ट निश्चित तौर पर निराश करने वाला या उत्साहजनक नहीं है, क्योंकि जिस बिहार के लड़के यूपीएससी में कई बार टॉप हुए हैं वहां 1 टू 10 में नहीं आना चौंकाने वाला ही है.हमने इस बारे में एक्सपर्ट और जाने-माने शिक्षाविद डॉक्टर संजय कुमार से राय ली तो उन्होंने कहा कि शायद इस बार बिहार के लड़कों को इंटरव्यू में उस हद तक मार्क्स नहीं आया जितना आना चाहिए था. यही कारण है कि फाइनल रिजल्ट में वह पिछड़ते नजर आए. डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा में अभ्यर्थियों का लॉट जो इस बार बिहार से यूपीएससी की तैयारी में लगा हुआ था, वह विषयों के चयन में भी चूक गया. साथ ही इस बैच के बिहारी छात्रों का सीरियस ना होना भी इसका एक महत्वपूर्ण फैक्टर हो सकता है.

क्वालिटी एजुकेशन में गिरावट, बेस में कमजोरी-डॉ. नवल
वहीं, पटना विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रोफेसर डॉ नवल किशोर चौधरी की मानें तो बिहार में बेस कमजोर होना और क्वालिटी एजुकेशन में गिरावट आना, एक मुख्य वजह है. दरअसल, पहले जिन अभ्यर्थियों ने यूपीएससी में अपना परचम लहराया वह 12वीं या फिर ग्रेजुएशन कर बिहार से बाहर जाते थे. उस समय तक उनका बेस इस कदर स्ट्रॉंग हो जाता था कि वह एक लेवल तक पहुंच जाता था. क्वालिटी एजुकेशन की चर्चा करते हुए प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि क्वालिटी एजुकेशन पहले की तुलना में काफी कम हुआ है. केवल समय अवधि बढ़ाकर आप क्वालिटी एजुकेशन की कमी को पूरा नहीं कर सकते. विद्यालयों में कॉलेज में आपको पढ़ाई का स्तर भी ऊंचा करना होगा डेडीकेशन इस तरीके से दिखाना होगा जैसे सालों पहले दिखता था.

यूपीएससी की मार्किंग सिस्टम में बदलाव बड़ा कारण
हालांकि, चंडीगढ़ में यूपीएससी की कोचिंग चलाने वाले और बिहार में पले बढ़े और पढ़े डॉ. अजय कुमार की राय में इसका एक बड़ा कारण यूपीएससी के मार्किंग करने के पैटर्न में बदलाव भी हो सकता है. कई बार हिंदी भाषी छात्रों को कई बार इस बदलाव वाले मार्किंग पद्धति का नुकसान भी झेलना पड़ता है. वहीं, कई बार सामाजिक विज्ञान के विषयों को गणित और इंजीनियरिंग विषयों से तुलना कर मार्किंग की जाती है जिसमें बिहार से आने वाले छात्र पिछड़ जाते हैं. लेकिन, यह भी तथ्य है कि इसका संपूर्ण विश्लेषण के पहले कुछ स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि हाल के दिनों में ही बिहार के शुभम कुमार जैसे छात्र टॉपर रहे हैं. पिछले वर्ष ही बिहार के कई छात्र टॉप टेन में आए थे. अब आने वाले समय में जब इसका संपूर्ण विश्लेषण होगा तो पता चल पाएगा कि आखिर बिहार के छात्र इस बार उतने सफल क्यों नहीं हुए.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *