BJP नेताओं ने गाजियाबाद डीएम के पास भिजवाए चाय के 700 रुपये, जानिए इसकी वजह
गाजियाबाद के गंगाजल प्लांट पर रविवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विदाई के वक्त कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ, जिसे भाजपा के 12 वरिष्ठ नेता अपना अपमान बता रहे हैं। इन सभी नेताओं ने गाजियाबाद जिलाधिकारी पर अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनके कैंप कार्यालय पर नाराजगी भरे पत्र के साथ 700 रुपये भिजवाए हैं। हालांकि, डीएम ऑफिस में किसी ने यह धनारिश रिसीव नहीं की। भाजपा नेता अब स्पीड पोस्ट से 700 रुपये और पत्र भेजने की बात कह रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, पूर्व विधायक रूप चौधरी, कृष्णवीर सिरोही, प्रशांत चौधरी, पृथ्वी सिंह, अजय शर्मा, पवन गोयल, विजय गोयल, अनिल स्वामी, डॉ. वीरेश्वर त्यागी, राजेंद्र त्यागी और सरदार एसपी सिंह को मुख्यमंत्री के प्रस्थान के समय उपस्थित रहने के पास जारी किए गए थे। मुख्यमंत्री को सुबह साढ़े नौ बजे गौतमबुद्ध नगर के लिए निकलना था। सभी नेता समय से गेस्ट हाउस पहुंच गए थे। नेताओं को एक हॉल में बैठाकर प्रशासनिक अधिकारियों ने नेताओं से जलपान का आग्रह किया।
इस पर नेताओं ने सीएम से मुलाकात कराने की बात कही। इस दौरान इंतजार कर रहे नेताओं को चाय पिलाई गई। फिर एक अधिकारी ने मुख्यमंत्री के प्रस्थान की बात कहते हुए नेताओं को लाइनअप होने को कहा। इस पर कई नेताओं ने आपत्ति जताई कि उन्हें भेंट के लिए बुलाया गया था। इतने वरिष्ठ नेता लाइन अप होकर सीएम से नहीं मिलेंगे और सभी नेता मुख्य द्वार की ओर बढ़ने लगे। इस बीच मौके पर पहुंचकर भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा व जिलाधिकारी ने नाराज नेताओं को मनाने का प्रयास किया, मगर नेता वापस लौटने को राजी नहीं हुए।
सूत्रों के मुताबिक, इसी दौरान जिलाधिकारी ने नेताओं से कहा कि आप लोगों को पूरा ध्यान रखा गया है। नाश्ता पूछा गया है। चाय भी पिलाई है। इस पर नेता और नाराज हो गए और सीएम से मिले बगैर ही वहां से बाहर निकल गए। इसके बाद एक नेता के घर पर सभी नाराज भाजपाई जमा हुए और जिलाधिकारी को अपनी नारजगी का पत्र लिखा। साथ ही प्रति चाय की कीमत के हिसाब से 700 रुपये नत्थी कर एक व्यक्ति के हाथ से जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पर भिजवाए, मगर वहां मौजूद स्टाफ ने पत्र व रुपये लौटा दिए। अब नेता सोमवार को पत्र व रुपये स्पीड पोस्ट करने की बात कह रहे हैं।
– आरके सिंह, जिलाधिकारी, ”पास अब जिलाधिकारी कार्यालय के बजाय कमिश्नरेट से जारी होते हैं। जहां तक मेरी जानकारी है नेताओं के सेंड ऑफ पास’ ही जारी हुए थे। लाइनअप वाली बात के समय मैं मौके पर मौजूद नहीं था। मैं बाद में वहां पहुंचा। चाय की बात मैंने सम्मान के संदर्भ में कही थी। कुछ नकारात्मक बात जताने के लिए नहीं।”