हार्मोन असंतुलन से लेकर बीपी की समस्या तक ठीक करती है काली किशमिश, ये हैं फायदे
किशमिश का उपयोग आमतौर पर घर की महिलाएं स्वीट डिश बनाते समय करती हैं। ज्यादातर घरों में हरी किशमिश का ही इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी काली किशमिश का भी स्वाद चखा है। आयुर्वेद में काली किशमिश को स्वास्थ्य के लिए रामबाण माना गया है। काली किशमिश में विटामिन C के साथ विटामिन K, फाइबर और पोटैशियम मौजूद होता है। जो इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के साथ सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में।
काली किशमिश से सेहत को मिलते हैं ये फायदे-
ग्लोइंग स्किन-
काली किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C त्वचा को भीतर से हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखने में मदद करते हैं।
कब्ज से राहत-
गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलाओं को कब्ज की समस्या हो जाती है। ऐसे में कब्ज से राहत पाने के लिए आप 1 कप पानी में काली किशमिश को भिगोकर रातभर रखने के बाद सुबह इस पानी को पीने के बाद किशमिश भी चबाकर खा लें। ऐसा करने से गर्भावस्था के दौरान होने वाली कब्ज से राहत मिल सकती है।
हड्डियों को बनाए रखें मजबूत-
कैल्शियम से भरपूर काली किशमिश का पानी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकता है। काली किशमिश में मौजूद खनिज कैल्शियम अवशोषण में सहायता करते हैं, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है।
रक्तचाप को रखें नियंत्रित-
काली किशमिश खाने से रक्तचाप को भी संतुलित बनाया रखा जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का जिक्र है। रिसर्च के अनुसार, काली किशमिश में फाइबर और पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। ये दोनों पोषक तत्व उच्च रक्तचाप को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि किशमिश में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स भी रक्तचाप को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं ।
हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या करें दूर-
पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाओं को हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या हो जाती है, ऐसा ही कुछ मैनोपॉज के दौरान भी हो सकता है। ऐसे में रोजाना काली किशमिश का पानी पीने से शरीर के हार्मोन को संतुलित किया जा सकता है।