बंगाल में हिंसा का खूनी खेल! TMC नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या
लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही पश्चिम बंगाल में फिर से हिंसा का खूनी खेल शुरू हो गया है. रविवार को दिनदहाड़े एक टीएमसी नेता की हत्या कर दी गयी है. घटना मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर में घटी है.गोली लगने से तृणमूल नेता व जिला महासचिव सत्येन चौधरी की मौत हो गई. सत्येन चौधरी कभी अधीर चौधरी के करीबी थे. लेकिन बाद में तृणमूल में शामिल हो गए थे, पर हाल ही में सत्येन चौधरी की राजनीति से दूरी बढ़ती जा रही थी. रविवार दोपहर बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी.
बता दें कि चार जनवरी को पश्चिम मेदिनीपुर के खेजुरी के पश्चिम भागनबाड़ी गांव में तृणमूल कार्यकर्ता शव मिला था. उसके विरोध में गुरुवार दोपहर खेजुरी विधानसभा के बाराटाला और कलगेचिया इलाके में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था. स्थानीय लोगों ने हत्या का आरोप लगाया था. इसके पहले एक बीजेपी कार्यकर्ता का शव भी मिला था.
वहीं, शुक्रवार को टीएमसी नेता शहाजहां शेख के घर पर छापेमारी करने गए ईडी अधिकारियों पर उनके समर्थकों ने हमला बोल दिया था. इसमें ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गये थे. इस घटना को लेकर पूरे राज्य में बवाल मचा था.
कभी अधीर चौधरी के करीबी थी सत्येन चौधरी
सूत्रों के मुताबिक, सत्येन चौधरी बहरामपुर के भाकुरी चौराहे पर निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत के पास अपने कई अनुयायियों के साथ बैठे थे. तभी दो बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने सत्येन चौधरी को घेर लिया. बदमाशों ने ताबड़तोड़ तीन राउंड फायरिंग की. गोलियों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग खून से लथपथ सत्येन चौधरी को बचाने के लिए दौड़ पड़े. उन्हें मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया.अस्पताल में इलाज के दौरान सत्येन चौधरी की मौत हो गई.
स्थानीय लोगों का दावा है कि सत्येन चौधरी शुरुआत में राजनीतिक रूप से अधीर चौधरी के करीबी थे. सत्येन चौधरी के पास सुतिरामठ सेवा समिति सहित कई क्लबों का नियंत्रण था. वामपंथी काल के दौरान विभिन्न असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण सत्येन चौधरी को कई बार जेल जाना पड़ा था.
चुनाव से पहले फिर हिंसा का खेल
राज्य में पाला बदलने के बाद अधीर चौधरी से मतभेद के कारण सत्येन तृणमूल में शामिल हो गये. प्रभावशाली कांग्रेस नेता सत्येन चौधरी को तृणमूल कांग्रेस के जिला महासचिव का पद दिया गया. हालांकि सत्येन चौधरी पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से सक्रिय नजर नहीं आ रहे थे. सवाल यह है कि सत्येन चौधरी की हत्या के पीछे राजनीति है या कारोबार?
बहरामपुर नगर पालिका के अध्यक्ष नादुगोपाल मुखोपाध्याय ने आरोप लगाया, ”कांग्रेस और सीपीएम समर्थित उपद्रवियों ने लोकसभा चुनाव से पहले अशांति पैदा करने के लिए सत्येन की हत्या कर दी.” वामपंथियों पर लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए मुर्शिदाबाद जिला सीपीएम सचिव जमीर मोल्ला ने कहा, ”उन्हें अपने ही लोगों ने मार दिया है. यह टीएमसी की आंतरिक लड़ाई है.
तृणमूल नेता की हत्या मुर्शिदाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक सूर्य प्रताप यादव ने कहा, ”घटना की जांच शुरू हो चुकी है. इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर अपराधियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.