ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद…मकर संक्रांति पर कब करें स्नान, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद…मकर संक्रांति पर कब करें स्नान, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती हैं जिसमें मकर संक्रांति भी शामिल हैं. मकर संक्रांति का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन सूर्य, धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. इस बार यह पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन से ही खरमास भी खत्म हो जाएगा. मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. मकर संक्रांति पर स्नान के लिए सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त कौन सा है. जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख…

पण्डित राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि मे प्रवेश कर रहा है. सुबह 9:13 बजे पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे. इसलिए इस दिन 9:14 बजे से सूर्यास्त तक लोग गंगा स्नान कर सकते हैं और अपनी कामना के लिए भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं. इसके अलावा सुबह 9:20 बजे से 10:05 बजे का मुहूर्त सबसे शुभ और बेहतर रहेगा. इस मुहूर्त में गंगा, गोदावरी, संगम सहित सभी पवित्र नदियों में स्नान से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं.

ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के मौके पर पवित्र नदी में स्नान के बाद गुड़, तिल और चावल का दान भी जरूरतमंदों को अवश्य देना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है और पुण्य की भी प्राप्ति होती है. पापों से मुक्ति के लिए यह दिन बेहद अहम होता है.

ब्रह्म मुहूर्त में करें स्नान
अगर आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठते है तो आपको सौन्दर्य, बल, विद्या और स्वास्थ्य प्राप्त होता है. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से बीमारियां भी नहीं होती हैं और आपका शरीर भी स्वस्थ रहता है. हिन्दू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना सबसे उत्तर माना गया है. सभी ऋषि-मुनि इसी मुहूर्त में स्नान करते थे. कहा जाता है कि स्नान में सूर्योदय के बाद जितनी देरी की जाती है, उतना ही स्नान करने से मिलने वाला फल भी कम होता जाता है.

स्नान का महत्व
मकर संक्रांति के मौके पर स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग और काशी को सर्वश्रेष्ठ स्थान माना गया है. इनके साथ ही सभी पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों पर भी स्नान बहुत शुभ रहता है. अगर आप इन स्थानों पर नहीं जा सकते तो इनका स्मरण करने से भी फायदा होता है. सूर्य को जल चढ़ा श्री हरि का पूजन या स्मरण करना बहुत अच्छा रहता है. बहती नदी में स्नान सबसे अच्छा माना जाता है. रात भर छत पर रखे तांबे या मिट्टी के बरतन में भरे जल से भी स्नान शुभ रहता है. दिन भर सूर्य की किरणों से तपे हुए जल के स्नान को भी लाभकारी माना जाता है, लेकिन आपको सूर्योदय के बाद नहाने से कम पुण्य मिलेगा.

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