ब्रिटेन की सांख्यिकी निगरानी संस्था शरण मामलों के निपटारा संबंधी दावों पर गौर कर रही

ब्रिटेन की सांख्यिकी निगरानी संस्था ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सरकार की हालिया घोषणा पर गौर कर रही है कि उसने 2023 के अंत तक देश में शरण के लिए लंबित मामलों का निपटारा करने के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। विपक्ष ने सरकार के दावे का जोरदार खंडन किया है। इस सप्ताह की शुरुआत में, ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने कहा कि पिछले वर्ष शरण मांगने के 112,000 मामलों पर कार्रवाई की गई, जो 2022 के अंत में लंबित 92,000 आवेदनों के सुनक के प्रारंभिक लक्ष्य से अधिक है

हालांकि, विपक्षी दल लेबर पार्टी ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार पर जनता को ‘‘गुमराह’’ करने का आरोप लगाया। अब यह तथ्य सामने आया है कि सांख्यिकी विनियमन कार्यालय (ओएसआर) के समक्ष एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराए जानेकी संभावना है।
ओएसआर के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सांख्यिकी विनियमन कार्यालय पुष्टि करता है कि वह शरण के लंबित मामलों के बारे में सरकारी घोषणा पर गौर कर रहा है।’’ ओएसआर गृह कार्यालय से अतिरिक्त जानकारी मांग सकता है, लेकिन उसके पास डेटा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य करने की शक्ति नहीं है।

गृह कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में दावा किया कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में मूलभूत परिवर्तन और दक्षता बढ़ाने के परिणामस्वरूप एक वर्ष में तेजी से फैसलों के कारण शरण के अधिक मामलों का निपटारा किया गया। हालांकि विपक्षी दल ने कहा कि सरकार का दावा सच नहीं है। लेबर पार्टी की नेता यवेटे कूपर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सुनक का दावा है कि उन्होंने शरण के लंबित मामलों का निपटारा कर दिया है। यह सच नहीं है। विरासत में मिले लंबित मामलों का भी निपटारा नहीं किया गया।

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