जापान में टूट गया 35 साल पुराना रेकॉर्ड, चीन और जर्मनी के लिए खतरे की घंटी
जापान के बेंचमार्क निक्केई 225 ने गुरुवार को 35 साल पुराना रेकॉर्ड तोड़ दिया। चिप स्टॉक्स में तेजी के चलते इसमें 2.2 फीसदी तेजी आई और यह 39,098.68 अंक पर बंद हुआ। इसका पिछला रेकॉर्ड 29 दिसंबर, 1989 में बना था। उस दिन यह 38,915.87 अंक पर पहुंचा था। गुरुवार को कारोबार के दौरान यह 39,156.97 अंक तक पहुंचा। बुधवार को अमेरिका की चिपमेकर कंपनी एनवीडिया (Nvidia) ने अपना रिजल्ट जारी किया। कंपनी के प्रॉफिट में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। इसका असर गुरुवार को चिपमेकर कंपनियों के शेयरों में दिखा और इसकी बदौलत जापान का शेयर मार्केट रेकॉर्ड हाई पर पहुंच गया।
सेमीकंडक्टर बनाने वाली जापानी कंपनी Screen Holdings के शेयरों में 10.2% तेजी रही। साथ ही चिप इंडस्ट्री के लिए टेस्टिंग इक्विपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनी Advantest के शेयरों में 7.5% तेजी रही। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर प्रॉडक्शन इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी Tokyo Electron के शेयरों में छह फीसदी तेजी रही। जापान के इक्विटी मार्कट के लिए पिछला साल शानदार रहा। इस दौरान निक्केई इंडेक्स में 28 फीसदी तेजी आई और यह एशिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला मार्केट रहा। इस साल इसमें 17 फीसदी तेजी आ चुकी है। जापान एक समय बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा था और माना जा रहा था कि वह अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। लेकिन 1990 के दशक की शुरुआत में उसकी इकॉनमी ठहर गई।
जापान-चीन के लिए खतरे की घंटी
येन में गिरावट से जापान की इकॉनमी को गति मिली है। इस साल जापानी करेंसी डॉलर के मुकाबले छह फीसदी से अधिक गिर चुकी है। पिछले साल इसमें आठ फीसदी गिरावट आई थी। येन के कमजोर होने से जापानी एक्सपोर्टर्स को फायदा हुआ है और विदेशी निवेशकों के लिए जापान के शेयरों की कीमत कम हुई है। एआई की मांग बढ़ने से जापान की टेक्नोलॉजी कंपनियों की भी बल्ले-बल्ले होने वाली है। जानकारों का कहना है कि इस रैली को जारी रखने के लिए जापान को कॉरपोरेट गवर्नेंस रिफॉर्म जारी रखने होंगे जिससे शेयरहोल्डर रिटर्न में तेजी आएगी। जापान की सरकार ने देश में बिजनस को बढ़ाने के लिए 2013 से कई सुधार किए हैं।