BS7 Emission Norms: सरकार लाएगी नए एमिशन नॉर्म्स, नितिन गडकरी ने कही ये बात

एमिशन नॉर्म्स को लेकर नई अपडेट आई सामने, ऑटो मैन्युफक्चरर कंपनियों को नए आदेश दिए गए हैं. हालाकिं कई कंपनियों को इस अपडेट से खास खुशी नहीं होगी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल कपंनियों से नेक्स्ट जेनरेशन एमिशन नॉर्म्स या BS7 के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है. उन्होंने मैन्युफैक्चरर से अपकमिंग यूरो 7 नॉर्म्स पर काम करने को कहा है जिन्हें 2025 से देश में लागू किया जा सकता है.
BS7 Emission Norms
Euro 7 एमिशन नॉर्म्स को दो फेज में लाया जाएगा, इसका पहला फेज 2025 से अपनाया जाएगा और दूसरा फेज 2027 में आएगा. इंडिया BS7 नॉर्म्स के तरफ 2027 में स्विच करेंगे. भारत में सभी कार मैन्यूफैक्चरर मौजूदा BS6 फेज 2 एमिशन नॉर्म्स के हिसाब से व्हीकल बेच रहे हैं. BS6 उएमिशन नॉर्म्स का फेज 2 मार्केट में हाल में ही लागू किया गया था.
BS4 से डायरेक्ट BS6 नॉर्म्स
गडकरी ने 2020 में भारत में व्हीकल मैन्युफैक्चरर को BS4 से डायरेक्ट BS6 पर जाने के लिए मजबूर किया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि भारतीय एमिशन नॉर्म्स यूरो 6 नॉर्म्स के हिसाब से हो जाए. ऐसे में नए नॉर्म्स से मैन्यूफैक्चरर पर असर पड़ा था, उन्हें डीजल इंजनों को छोड़ना पड़ा, क्योंकि डीजल इंजनों को बीएस 6 अनुरूप बनाना बेहद महंगा था, जिससे कस्टमर्स के लिए छोटी डीजल कारें बेहद महंगी हो गई थी.
BS7 एमिशन नॉर्म्स क्यों?
अपकमिंग BS7 एमिशन नॉर्म्स फ्यूल न्यूट्रल हो जाएगा, इसका मतलब है कि पेट्रोल और डीजल दोनों व्हीकल के लिए स्टैंडर्ड समान होने जा रहे हैं. इससे डीजल व्हीकल पहले की तुलना में ज्यादा महंगे होने वाले हैं. ये स्टेप मैन्यूफैक्चरर को किफायती कारों से डीजल इंजन ऑप्शन को पूरी तरह से हटाने के लिए मजबूर कर देगा.
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर नए नॉर्म्स का असर?
अपकमिंग BS7 नॉर्म्स स्टैंडर्ड केवल ICE व्हीकल के लिए नहीं होंगे इसमें EV भी शामिल होंगे. सरकार बैटरियों के ड्यूरेबिलिटी की निगरानी के लिए नियम लागू करेगी. इससे ईवी मेकर कंपनियां व्हीकल बनाने में क्वालिटी पर ध्यान देंगी. इससे ईवी की लाइफ लंबी होगी और ईवी यूजर को जल्दी-जल्दी बैटरी बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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