Budget 2024 : क्या बजट में इनकम टैक्स का बोझ कम करेगी सरकार?
बजट 2024 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. 10 दिन के बाद यानी 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 7वां बजट पेश कर सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड कायम करेंगी. उससे पहले देश के कई प्रेशर ग्रुप्स की ओर से डिमांड रखनी शुरू कर दी है. इस बार जो डिमांड आई है वो इनकम टैक्स का बोझ कम करने को लेकर है. सरकार से अनुरोध किया गया है कि मिडिल क्लास को राहत देते हुए टैक्स छूट की सीमा को 5 लाख रुपए कर देना चाहिए. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस तरह की डिमांड कहा से आई है.
5 लाख तक मिले टैक्स छूट
डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स की एक बॉडी ने सरकार से आगामी बजट में आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने का अनुरोध किया है. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) के अध्यक्ष नारायण जैन ने रविवार को कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपए करना चाहिए. उन्होंने अनुपालन को सुगम बनाने के लिए कर ढांचे को सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
इस तरह का होना चाहिए टैक्स स्लैब
जैन ने वित्त मंत्री दिए अपने ज्ञापन में कहा कि पांच लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच की आय पर 10 फीसदी, 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के लिए 20 फीसदी और 20 लाख रुपए से अधिक की इनकम पर 25 फीसदी टैक्स लगाया जाए. जैन कलकत्ता सिटीजंस इनिशिएटिव के भी अध्यक्ष हैं. उन्होंने सरचार्ज और सेस को समाप्त करने की वकालत करते हुए कहा कि इन्हें जारी रखना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार पर्याप्त रूप से यह नहीं बताती है कि एजुकेश सेस का उपयोग कैसे किया जाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार का मौलिक कर्तव्य है.
इसमें भी कटौती की सिफारिश की
ज्ञापन में अस्पष्ट कैश क्रेडिट, लोन, निवेश और खर्च पर धारा 115बीबीई के तहत कर की दर का भी उल्लेख किया गया है, जिसे नोटबंदी के दौरान बढ़ाकर 75 फीसदी और सेस कर दिया गया था. जैन ने इस दर को मूल 30 फीसदी पर वापस लाने की वकालत की है. देश की वित्त मंत्री 23 जुलाई को बजट पेश करने जा रही है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार बजट में किसानों के लिउए बड़े ऐलान हो सकते हैं. इसका मतलब है कि इस बार सरकार रूरल इकोनॉमी पर फोकस करते हुए बजट पेश कर सकती है.