Budget 2024 : क्या सिर्फ MSP बढ़ने से किसानों को होगा फायदा? SBI रिपोर्ट ने दिए ये 3 सुझाव
इस साल जुलाई में पेश होने वाले 2024-25 के आम बजट का सबको बेसब्री से इंतजार है. खासतौर पर किसानों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से की जाने वाली घोषणाओं से काफी आस है. वे चाहते हैं कि उन्हें उनकी मेहनत का पर्याप्त पैसा मिले. किसान शुरू से ही अलग-अलग फसलों पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन क्या सिर्फ एमएसपी के बढ़ने से उनको पूरा फायदा मिलेगा. इस सिलसिले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट ने कुछ अहम सुझाव दिए हैं, जिनमें MSP सिस्टम को नए रूप में पेश करने समेत निजी इकाईयों को खरीद में शामिल करना और आजीविका क्रेडिट कार्ड (LCC) शुरू करना है.
MSP को नए फॉरमेट में करें पेश
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट ने कृषि क्षेत्र के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को नए फॉरमेट में लाने को कहा है. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि सरकार को राजकोषीय बोझ घटाने और किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य मिल सके इसके लिए निजी इकाइयों को खरीद में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने और जलवायु पर आधारित फसलों को बढ़ावा देना चाहिए, इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
वर्तमान एमएसपी सिस्टम में क्या हैं खामियां?
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में मौजूदा एमएसपी सिस्टम की खामियों के बारे में भी बात की गई. जिसमें बताया गया कि महज खास फसलों पर ध्यान देने, निजी निवेश को दूर रखने और निर्यात प्रतिस्पर्धा के चलते इस पर नकारात्मक असर पड़ता है. वर्तमान में सरकार मुख्य रूप से गेहूं और चावल खरीदती है, जो कुल कृषि उत्पादन का केवल 6 प्रतिशत है. जबकि इसके ठीक उलट पशुधन, सब्जियां और फल जैसे क्षेत्र से संयुक्त रूप से कृषि उत्पादन का 71 प्रतिशत है, लेकिन इन्हें एमएसपी में पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है.
आजीविका क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने पर जोर
रिपोर्ट में आजीविका क्रेडिट कार्ड (LCC) शुरू करने और कृषि से संबंधित क्षेत्रों के लिए एक व्यापक ऋण गारंटी कोष स्थापित करने की भी सिफारिश की गई है. ये ग्रामीण मांग को बढ़ावा देने और क्रेडिट फ्लो को मैनेज करने में मदद करेगा. इस व्यवस्था से छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी.
भंडारण समेत खुदरा बिक्री पर भी दें ध्यान
रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए इसके बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने और मजबूत मार्केटिंग फ्रेमवर्क को अमल में लाने की बात कही गई है. साथ ही फसलों के स्टोरेज, ग्रेडिंग, छंटाई और खुदरा बिक्री जैसी गतिविधियों पर भी ध्यान देने पर जाेर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इन उपयों को अपनाने से किसानों की स्थिति में सुधार होगा.