Budget 2024: देश की इकोनॉमी को मिलेगा बूस्टर डोज या किसानों की बढ़ेगी आय… यहां समझिए यह बजट क्यों है खास?

एक तरफ दुनिया दो मोर्चों पर महायुद्ध लड़ रही है. रूस यूक्रेन पर रोज हमले कर रहा है तो इजरायल हमास को खत्म करने के लिए आए दिन मिसाइलें दाग रहा है. इन दोनों युद्धों ने ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर डाला है. इससे ना सिर्फ ग्लोबल इकोनॉमी चरमराई है, बल्कि रोजगार में कमी और महंगाई में बढ़ोतरी देखी गई है. ऐसे में इस बजट में भारत सरकार के सामने इन दोनों से निपटने की सबसे बड़ी चुनौती होगी. 23 जुलाई को पेश होने जा रहा यह बजट ना सिर्फ टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी होगा, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए भी खास होने जा रहा है, जिनका सपना एक दिन टैक्सपेयर बनने का है. बजट भाषण में यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ब्रीफकेस से देश की इकोनॉमी को बूस्टर डोज मिलता है या सिर्फ यह आम बजट बनकर रह जाता है.
क्या होगा बजट के दिन का शेड्यूल?
23 जुलाई की सुबह 8:40 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने घर से मंत्रालय निकलेंगी. सुबह 9 बजे के करीब वे बजट तैयार करने वाली मंत्रालय की टीम के साथ फोटो सेशन करेंगी. उसके बाद वे बजट पेश करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी लेने के लिए चली जाएंगी. सुबह 10 बजे वित्त मंत्री और वित्त राज्यमंत्री बजट के साथ संसद में पहुंचेंगे और वहां एक और फोटो सेशन होगा. दो बार बजट से पहले फोटो सेशन का ट्रेडिशन पहले से चला आ रहा है. इसके बाद 11 बजे निर्मला सीतारमण सदन में बजट पेश करेंगी और अपना बजट भाषण देंगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट करने के बाद दोपहर को 1 बजे के आसपास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे. दोपहर 3 बजे वित्त मंत्री अपनी टीम के साथ बजट को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा और राज्यसभा में आम बजट पर 20-20 घंटे चर्चा होने की संभावना है.
इकोनॉमिक सर्वे में सामने आई ये जानकारी
वित्त वर्ष 2024-25 में इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 6.5 से 7 फीसदी प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 8.2 फीसदी रहने का अनुमान था. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का अभूतपूर्व तीसरा लोकप्रिय जनादेश राजनीतिक तथा नीतिगत निरंतरता का संकेत देता है. अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू स्तर पर वृद्धि को बढ़ावा देने वाले तत्वों ने आर्थिक वृद्धि को सहारा दिया है. भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत तथा स्थिर स्थिति में है, जो भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने में उसकी जुझारू क्षमता को दर्शाती है. वैश्विक महामारी के प्रभावों से पूरी तरह निकलने के लिए घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी. बेहतर कॉरपोरेट और बैंकों के बही-खाते से निजी निवेश को और मजबूती मिलेगी. विदेश में बसे भारतीयों द्वारा भेजा गया धन 2024 में 3.7 प्रतिशत बढ़कर 124 अरब डॉलर हो गया है. 2025 में इसके 129 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है.
पीएम आवास योजना को मिलेगा बूस्टर डोज?
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का ध्यान निवेश के जरिये लोगों के मान-सम्मान और बेहतर जीवन तथा रोजगार सुनिश्चित करने पर है. ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में सरकार इस घोषणा को पूरा कर सकती है.
सरकार बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए और फंड भी जारी कर सकती है. ऐसे में नया फंड रिलीज होने से मार्च 2025 तक ग्रामीण इलाकों में 31.4 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना मोदी सरकार की एक फ्लैगशिप स्कीम रही है. ये योजना सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल लक्ष्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया था. नवंबर 2016 में जब इस योजना को चालू किया गया था, तब से अब तक देश में 2.63 करोड़ घर बनाए जाने का काम पूरा हो चुका है. इस स्कीम को मोदी सरकार ने पिछली सरकार की इंदिरा आवास योजना में आमूल-चूल बदलाव करके दोबारा लॉन्च किया था.
टैक्स स्लैब में होगा बदलाव?
लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बीच बजट में टैक्स मोर्चे पर राहत के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी) में प्रोफेसर एन आर भानुमूर्ति ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि चुनाव नतीजों का डायरेक्ट टैक्स नीति पर असर पड़ेगा. चूंकि निजी खपत चिंता का विषय है, ऐसे में जीएसटी परिषद को अपनी दरों को कम करने पर विचार करना चाहिए, खासकर तब जब टैक्स कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. ऐसे में इस बात की बेहद कम उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब में कोई बड़ा बदलाव करे.
फिर से बहाल हो सकती है ये स्कीम?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार रेलवे के आवंटन में बढ़ोतरी कर सकती है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार के आम बजट में सरकार सीनियर सिटीजंस को बड़ी राहत दे सकती है. इसके लिए ट्रेन टिकट पर उन्हें मिलने वाली 50 फीसदी छूट को दोबारा बहाल किया जा सकता है. बता दें कि कोविड से पहले सरकार के नियम के तहत पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर 40 फीसदी तक रियायत मिलती थी, वहीं महिला वरिष्ठ नागरिकों को टिकट पर 50 फीसदी की छूट मिलती थी. साल 2019 के आखिर तक IRCTC, 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष वरिष्ठ नागरिकों और 58 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिला यात्रियों को दुरंतो, शताब्दी, जन शताब्दी, राजधानी, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की ट्रेन टिकटों पर किराए में रियायत देती थी. उदाहरण के तौर पर अगर राजधानी ट्रेन का फर्स्ट एसी का टिकट 4,000 रुपए का है तो वरिष्ठ नागरिकों को यह महज 2,000 या 2,300 रुपए में पड़ता था.
किसानों को मिल सकती है बड़ी राहत
कुछ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्त बढ़ा सकती है. अभी सरकार के तरफ से इस योजना के तहत सालाना 6000 रुपए मिलते हैं. जो तीन किस्त में अकाउंट में आते हैं. सरकार इसे बढ़ाकर 10,000 रुपए कर सकती है. हालांकि सरकार इस बार किसानों के आय दोगुना करने पर भी फोकस कर सकती है. किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख हो सकती है. इतना ही नहीं सरकार बिना किसी सिक्योरिटी के लोन की लिमिट 1,60,000 से बढ़कर 2, 60,000 कर सकती है.

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