Budget 2024: बजट के लिए सरकार के पास कहां से आता है पैसा और कहां होता है खर्च, यहां समझिये हर 1 रुपए का लेखाजोखा
मोदी 3.0 के पहले बजट 2024 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले हफ्ते 23 जुलाई को लगातार सातवीं बार संसद में बजट पेश करेंगी. इस बजट से आम जनता से लेकर नौकरीपेशा और टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें हैं. बजट सरकार के खर्च और इनकम का लेखा-जोखा होता है. ऐसे में कई बार आपके मन में भी सवाल आता होगा कि आखिरकार सरकार के पास बजट के लिए पैसा कहां से आता है और यह पैसा कहां खर्च होता है. ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं बजट आवंटन के लिए मिलने वाले पैसे और खर्च का पूरा लेखाजोखा.
खर्च और इनकम का हिसाब-किताब
आम तौर पर सरकार का खर्च ज्यादा और इनकम (रेवेन्यू) कम होती है. इस अंतर को पूरा करने के लिए सरकार को कर्ज लेना पड़ता है. इनकम और खर्च का अनुमान तय हो जाने पर सरकार के लिए यह अंदाजा लगाना आसान हो जाता है कि उसे कुल कितना कर्ज लेना पड़ेगा. हर यूनियन बजट में वित्तमंत्री की तरफ से गवर्नमेंट बॉरोइंग के बारे में बताया जाता है. सरकार बॉन्ड्स सहित दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए मार्केट से कर्ज जुटाती है. सरकार के कर्ज जुटाने का काम RBI करता है.
कहां से आता है पैसा?
बजट दस्तावेजों के मुताबिक, सरकार के रेवेन्यू संरचना से पता चलता है कि सबसे ज्यादा हिस्सा 28 फीसदी बॉरोइंग और अन्य लायबिलिटी से आता है. इसके बाद इनकम टैक्स से 19 फीसदी और जीएसटी से 18 फीसदी पैसा आता है. कॉरपोरेशन टैक्स का योगदान 17 फीसदी है, जबकि नॉन-टैक्स रीसीट 7 फीसदी हैं. सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और कस्टम्स कुल मिलाकर 9 फीसदी है, नॉन-डेट कैपिटल रीसीट कुल आय का 1 फीसदी हैं.
कहां होता है खर्च?
सरकार का सबसे ज्यादा 20 फीसदी खर्च ब्याज को चुकाने और टैक्स ड्यूटीज में राज्य की हिस्सेदारी में चला जाता है. सेंट्रल सेक्टर की योजनाएं और अन्य खर्च 16 फीसदी और 9 फीसदी हैं, जबकि रक्षा क्षेत्र, केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं और वित्त आयोग से आवंटन 8-8 फीसदी होता है. कुल खर्च में सब्सिडी का हिस्सा 6 फीसदी है, जबकि पेंशन का हिस्सा 4 फीसदी है.
अंतरिम बजट में टोटल एक्सपेंडिचर 47,65,768 करोड़ रुपए रहने का अनुमान
वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में टोटल एक्सपेंडिचर 47,65,768 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था. इसमें 11,11,111 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण कैपिटल एक्सपेंडिचर शामिल है. साल 2024-25 के लिए प्रभावी कैपिटल एक्सपेंडिचर 14,96,693 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जो पिछले वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 17.7 फीसदी की उल्लेखनीय बढ़ोतरी है.