Budget 2024 में राजकोषीय घाटा लक्ष्य घटाकर 5 फीसदी कर सकती है सरकार

सरकार राजस्व में आए उछाल के दम पर अगले हफ्ते पेश होने वाले बजट 2024 में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.9-5.0 फीसदी कर सकती है. सरकार ने इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इक्रा रेटिंग एजेंसी की ओर से किस तरह का बयान आया है.
कम कर सकती है टारगेट
इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि केंद्र सरकार 11.1 लाख करोड़ रुपए के कैपिटल एक्सपेंडिचर लक्ष्य से कोई समझौता किए बगैर राजकोषीय घाटा अनुमान को 5.1 प्रतिशत से घटाकर 4.9-5 प्रतिशत निर्धारित कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं. यह उनका लगातार सातवां बजट होगा. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 5.6 प्रतिशत राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल किया था.
कितनी उधारी कम होने की संभावना
नायर ने कहा कि 11.8 लाख करोड़ रुपये के अंतरिम बजट अनुमान की तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध बाजार उधारी में 35,000-55,000 करोड़ रुपए की कमी आने की भी बहुत संभावना है. यह जे पी मॉर्गन सरकारी बॉन्ड सूचकांक में शामिल किए जाने के कारण सरकारी प्रतिभूतियों की मांग को बढ़ावा देने के साथ प्रतिफल के लिए भी अच्छा संकेत होगा.’
ये फैसला ले सकती है सरकार
उन्होंने कहा कि 1.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धिशील राजस्व प्राप्तियों को राजस्व व्यय बढ़ाने और राजकोषीय मजबूती के लिए विभाजित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ आयकर छूट देकर खपत को बढ़ावा देने के लिए भी इसका उपयोग कर सकती है. नायर ने कहा कि अगले तीन-चार वर्षों में राजकोषीय घाटे के व्यापक आकार में कमी लाना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि राजकोषीय घाटा-जीडीपी अनुपात में गिरावट काफी हद तक मौजूदा कीमतों में जीडीपी वृद्धि पर निर्भर करेगी.

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